उज्जैन । अक्षय तृतीया 26 अप्रैल 2020 को मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री कन्या एवं निकाह योजनाएं में होनी वाली शादियां कोरोना वायरस के लॉक डाउन के चलते नही हो रही है। प्रदेश में सभी धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रमों पर रोक लगी हुई है।
अक्षय तृतीया (26 अप्रैल) पर मुख्यमंत्री कन्या विवाह-निकाह योजना के तहत संभावित 25 हजार से ज्यादा शादियां , कई समाजों ने वैवाहिक सम्मेलन आयोजित किए थे, जो प्रदेश में लॉकडाउन के चलते टल गए हैं। इतना ही नहीं, बड़ी संख्या में एकल विवाह भी टाले गए हैं। 51 हजार रुपये प्रति जोड़े के हिसाब से इन शादियों पर सरकार को करीब 127 करोड़ रुपये नवविवाहित जोड़ों को देना पड़ते जो आर्थिक संकट के चलते सरकार को बच गए हैं।
बात दे कि पिछले साल लोकसभा चुनाव की आचार संहिता प्रभावी होने के कारण अक्षय तृतीया पर सरकारी शादी समारोह आयोजित नहीं हो पाए थे।
नवंबर-दिसंबर 2020 सीमित मुहूर्त लेकिन में बढ़ेगी शादियों की संख्या :- नवंबर में तीन व दिसंबर में शादी के सिर्फ पांच मुहूर्त हैं। ऐसे में जो लोग लॉकडाउन या कोरोना संक्रमण के डर से शादी आगे बढ़ा चुके हैं, वे इन मुहूर्त में शादियां करेंगे। तब एक साथ बड़ी संख्या में शादियां होंगी।
उधर, कन्या विवाह-निकाह योजना को लेकर राज्य सरकार की मुश्किल नवंबर-दिसंबर 2020 में बढ़ेगी। कन्या विवाह के लिए सात और निकाह के लिए नौ तारीखें सामाजिक न्याय विभाग ने तय की हैं।
अक्षय तृतीया पर 25 हजार शादियों का था अनुमान : - सामाजिक न्याय विभाग का अनुमान था कि इस बार अक्षय तृतीया पर 25 हजार से ज्यादा शादियां एक दिन में होंगी।
28 से बढ़ाकर 51 हजार राशि की थी कमलनाथ सरकार ने :- मुख्यमंत्री कन्या विवाह-निकाह योजना की राशि 28 हजार से बढ़ाकर 51 हजार रुपये प्रति जोड़ा प्रोत्साहन राशि कमल नाथ सरकार ने बढ़ाई थी। फिर शादियों की संख्या में वृद्घि हुई।
2018 में हुई थी 26 हजार शादियां : - वर्ष 2018 में जहां सरकारी विवाह सम्मेलनों में 26 हजार शादियां हुई थीं
2019 में हुई थी 42 हजार शादियां :- प्रोत्साहन राशि बढ़ने के बाद वर्ष 2019 में शादियों की संख्या 42 हजार के पार चली गई थी।
कमलनाथ सरकार के समय 30 हजार जोड़ों को नही मिली थी प्रोत्साहन राशि :- सत्ता परिवर्तन के साथ शिवराज सरकार को कन्या विवाह-निकाह योजना की 160 करोड़ रुपये की देनदारी भी मिली है। कमल नाथ सरकार के कार्यकाल में सरकारी विवाह सम्मेलनों में 42 हजार से ज्यादा शादियां हुई हैं। इनमें से करीब 30 हजार जोड़ों को अब तक प्रोत्साहन राशि नहीं दी गई। पूर्व सरकार ने अनुपूरक बजट में 65 करोड़ रुपये देनदारी चुकाने के लिए पारित किए थे। वह राशि भी विभाग को नहीं मिली।