देश में कोरोना वायरस के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं. हालात की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार ने देश में 21 दिन का लॉकडाउन लागू किया है. लॉकडाउन के बावजूद बड़ी तादाद में मजदूर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से अपने घर रवाना हुए. केंद्र और राज्य सरकार हर किसी को भोजन और जरूरी वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने का आश्वासन देती रहीं, लेकिन अधिकतर प्रवासी मजदूरों ने घर लौटने के पीछे लॉकडाउन को वजह बताया.
ऐसे माहौल में जब भूख के कारण लोग शहर छोड़कर अपने गांव लौटने को मजबूर हो रहे हैं. दिल्ली में एक किचन ऐसा भी है, जहां प्रतिदिन एक-दो-तीन हजार नहीं, पूरे डेढ़ लाख लोगों का खाना बन रहा है. वह भी तेल नहीं, गाय के शुद्ध घी से.
दिल्ली के द्वारका में स्थित इस्कॉन मंदिर प्रतिदिन सात विधानसभा क्षेत्रों के करी डेढ़ लाख निवासियों का पेट भर रहा है. ऐसा बगैर किसी सरकारी सहायता के किया जा रहा है. मंदिर के इस पहल की दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार भी मुरीद हो गई है.
कोरोना से लड़ने के लिए जरूरी रोग प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा करने के लिए खाने में देसी मसालों का उपयोग किया जा रहा है. इसमें जावित्री, जायफल, लौंग, काली मिर्च का उपयोग किया जा रहा है. यहां खाने में देशी घी के तड़के की दाल और खुशबू वाले चावल मिल रहे हैं. इसके लिए सुबह 5 बजे से ही तैयारियां शुरू हो जाती हैं और रात 10 बजे तक यह सिलसिला चलता रहता है.