कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज के दौरान कोरोना योद्धाओं को संक्रमण से बचाने में अब रोबोट मदद करेगा। आईआईटी गुवाहाटी के वैज्ञानिक ऐसा रोबोट तैयार कर रहे हैं, जो आसानी से आईसीयू में मरीजों को दवा, जांच और खाने से लेकर अन्य मदद कर सकेगा। इसके अलावा दूसरा रोबोट संक्रामक अपशिष्ट उठाने का काम करेगा।
मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बुधवार को बैठक आयोजित की थी। इसमें आईआईटी से पूछा गया था कि वे कोरोना वायरस से बचाव में तकनीक से कैसे मदद कर सकते हैं। इसी बैठक में आईआईटी गुवाहाटी ने यह जानकारी दी है।
आईआईटी गुवाहाटी के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट की टीम इस रोबोट को तैयार करने में जुटी हैं। आईआईटी के वैज्ञानिक दो प्रकार के रोबोट तैयार कर रहे है। इन रोबोटों को कोरोना वायरस उपचार वाले आइसोलेशन वार्ड में तैनात किया जा सकेगाइसमें एक रोबोट मरीज को खाना व दवा खिलाने का काम करेगा। जबकि दूसरा रोबोट वार्डों से संक्रामक अपशिष्ट जैसे सिरिंज, बोतल, इंजेक्शन आदि को एकत्रित कर सकेगा। इससे वार्डों में मानवीय हस्तक्षेप कम होगा। इसके अलावा शोधकर्ताओं ने पॉलीमरेस चेन रिएक्शन (पीसीआर) मशीन भी बनाई है। इसकी मदद से 12 घंटों में एक हजार सैंपल जांचें जा सकते हैं। दोनों मशीनों को गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज को भेजी गई है।
दो सप्ताह में तैयार हो जाएगा प्रोटोटाइप:
दोनों विभागों के वैज्ञानिकों की टीम का दावा है कि रोबोट बनाने का काम जारी है। इसका प्रोटोटाइप दस से पंद्रह दिन में तैयार हो होगा। इसके बाद इंस्टीट्यूट के हॉस्पिटल और सेंटर ऑफ नैनोटेक्नोलॉजी में एक टेस्ट रन आयोजित किया जाएगा।
इसी के तहत सेंटर ऑफ नैनोटेक्नोलॉजी में कोरोना उपचार में बरती जाने वाली सावधानियों के लिए डॉक्टर, नर्स और स्वास्थ्य सेवा कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण आयोजित किया जा रहा है। इसके पूरा होने के बाद रोबोट आधारित स्क्रीनिंग इकाइयों पर काम किया जाएगा।
खतरनाक वायरस से निपटने में मिलेगी मदद:
संस्थान के ज्ञानिक और शोधकर्ताओं की टीम कोरोना वायरस से बचाव को लेकर कई तकनीक इजाद करने में लगी है। रोबोट से मरीजों के इलाज में लगे डाक्टर और नर्स के संक्रमित होने का खतरा कम होगा।- प्रो. टीजी सीताराम, डायरेक्टर, आईआईटी गुवाहाटी।
मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बुधवार को बैठक आयोजित की थी। इसमें आईआईटी से पूछा गया था कि वे कोरोना वायरस से बचाव में तकनीक से कैसे मदद कर सकते हैं। इसी बैठक में आईआईटी गुवाहाटी ने यह जानकारी दी है।
आईआईटी गुवाहाटी के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट की टीम इस रोबोट को तैयार करने में जुटी हैं। आईआईटी के वैज्ञानिक दो प्रकार के रोबोट तैयार कर रहे है। इन रोबोटों को कोरोना वायरस उपचार वाले आइसोलेशन वार्ड में तैनात किया जा सकेगाइसमें एक रोबोट मरीज को खाना व दवा खिलाने का काम करेगा। जबकि दूसरा रोबोट वार्डों से संक्रामक अपशिष्ट जैसे सिरिंज, बोतल, इंजेक्शन आदि को एकत्रित कर सकेगा। इससे वार्डों में मानवीय हस्तक्षेप कम होगा। इसके अलावा शोधकर्ताओं ने पॉलीमरेस चेन रिएक्शन (पीसीआर) मशीन भी बनाई है। इसकी मदद से 12 घंटों में एक हजार सैंपल जांचें जा सकते हैं। दोनों मशीनों को गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज को भेजी गई है।
दो सप्ताह में तैयार हो जाएगा प्रोटोटाइप:
दोनों विभागों के वैज्ञानिकों की टीम का दावा है कि रोबोट बनाने का काम जारी है। इसका प्रोटोटाइप दस से पंद्रह दिन में तैयार हो होगा। इसके बाद इंस्टीट्यूट के हॉस्पिटल और सेंटर ऑफ नैनोटेक्नोलॉजी में एक टेस्ट रन आयोजित किया जाएगा।
इसी के तहत सेंटर ऑफ नैनोटेक्नोलॉजी में कोरोना उपचार में बरती जाने वाली सावधानियों के लिए डॉक्टर, नर्स और स्वास्थ्य सेवा कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण आयोजित किया जा रहा है। इसके पूरा होने के बाद रोबोट आधारित स्क्रीनिंग इकाइयों पर काम किया जाएगा।
खतरनाक वायरस से निपटने में मिलेगी मदद:
संस्थान के ज्ञानिक और शोधकर्ताओं की टीम कोरोना वायरस से बचाव को लेकर कई तकनीक इजाद करने में लगी है। रोबोट से मरीजों के इलाज में लगे डाक्टर और नर्स के संक्रमित होने का खतरा कम होगा।- प्रो. टीजी सीताराम, डायरेक्टर, आईआईटी गुवाहाटी।
दिनरात कोरोना मरीजों के इलाज में जुटे कोरोना योद्धाओं को संक्रमण से बचाने के लिये आईआईटी गुवाहाटी के वैज्ञानिक रोबोट बना रहे है। भारतीय वैज्ञानिक और उनकी सोच, हुनर और काबलियत को दुनिया ऐसे ही सलाम नहीं करती है।
-रमेश पोखरियाल निशंक, मानव संसाधन विकास मंत्री