कोरोना वायरस फेफड़ों के साथ दिल की धड़कनों पर करता है हमला , एक अध्ययन से हुआ खुलासा


कोरोना वायरस फेफड़ों ही नहीं दिल पर भी हमला करता है। अभी तक इस संक्रमण को सांस लेने में दिक्कत, बुखार और सर्दी जैसे लक्षणों से जोड़कर देखा जा रहा था लेकिन टेक्सास यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन में साबित हुआ है कि यह संक्रमण दिल की धड़कनों (हार्ट बीट) को प्रभावित कर सकता है।


एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया बताते हैं कि तमाम देशों से जो आंकड़े सामने आ रहे हैं, उससे वायरस के अलग-अलग प्रभाव के बारे में पता चलता है। कोरोना के हर पांच में से एक मामले में दिल को नुकसान पहुंचाने के संकेत दिखे हैं।

वहीं, अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी के अनुसार कोविड-19 संक्रमण से 10.5 फीसदी रोगियों की मौत ह्दयाघात से हुई है। 60 वर्ष से अधिक आयु और पहले से ही ह्दयरोग होने के कारण संक्रमण के बाद मरीज को वेंटिलेटर या आईसीयू में रखना पड़ रहा है।

हृदय की मांसपेशियों को पहुंचाता है नुकसान
जामा कार्डियोलॉजी जर्नल में प्रकाशित ‘कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम पर वायरस के संभावित प्रभाव’ नामक अध्ययन के अनुसार शुरुआत में मरीज निमोनिया का शिकार होता है। इसी दौरान खांसी-जुकाम के लक्षण के अलावा शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है जिससे उसे सांस लेने में परेशानी आती है। इसी बीच वायरस ह्दय की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता है। अगर मरीज पहले से ही ह्दय रोग से पीडि़त है तो उसकी हालत कुछ ही दिन में गंभीर हो जाती है।

शुरुआती जांच में नहीं मिलते नतीजे
संक्रमण का हृदय गति पर धीरे-धीरे असर पड़ता है। इसका शुरुआती जांच में पता नहीं चल पाता और मरीज की हालत नाजुक हो जाती है। ह्दयरोग विशेषज्ञों के अनुसार इसे लेकर गहन अध्ययन की जरूरत है।

किसी में एक तो किसी के कई अंग पर डाल रहा असर
वायरस को इस वक्त बेहतर तरीके से समझ पाना पूरी दुनिया के चिकित्सीय जगत के लिए चुनौती बना हुआ है। कुछ अध्ययन में मरीज के किसी एक अंग पर असर डालने की पुष्टि हुई है, जबकि कुछ में ये अलग-अलग अंगों पर भी असर करता है। इसलिए इलाज के समय अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है। अगर हृदय गति घटने-बढ़ने के कोई लक्षण दिखें तो सही मॉनिटरिंग बहुत जरूरी है।