कोटा में फंसे उज्जैन के 26 छात्रों सहित प्रदेश के 3 हजार बच्चों की वापसी के लिए ग्वालियर से 150 बसें रवाना


   इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए कोटा में रहकर कोचिंग करने वाले प्रदेश के लगभग 3 हजार छात्र-छात्राएं लॉकडाउन के कारण 25 मार्च से वहां फंसे हुए हैं। इन सभी को उनके घर वापस लाने के लिए मंगलवार सुबह करीब आठ बजे 150 बसें ग्वालियर से कोटा भेजी गई हैं। ये बसें ग्वालियर नगर निगम के अपर आयुक्त दिनेश शुक्ला के नेतृत्व में रवाना की गई है। बसों के साथ मेडिकल स्टॉफ और जरुरी दवाईयां भी भेजी गई हैं।


जानकारी के अनुसार सभी बसें देर रात तक छात्र-छात्राओं को लेकर वापस आ जाएंगी। ये भी पता चला है कि 150 बसें भेजी जरूर ग्वालियर से गईं हैं। लेकिन, ये विभिन्न जिलों के छात्र-छात्राओं को लेकर अलग-अलग रूट से वापस आएंगी। पहले इंदौर से बस जाना थी, लेकिन शासन ने ग्वालियर से बसों को रवाना किया है। जो हर शहर के छात्रों को छोड़ेंगी। इंदौर के करीब 25 बच्चों की सूची परिवहन विभाग आरटीओ के पास आई है, जिन्हें लेकर कोटा से बस इंदौर आएगी। उज्जैन जिले के 26 स्टूडेंट फंसे हुए हैं। इनके परिजनों की मांग के चलते प्रशासन इन्हें वहां से लाने की तैयारी कर रहा है। एडीएम डॉ.आरपी तिवारी ने बताया इन स्टूडेंट को लाने के लिए प्रशासन की संभाग स्तरीय टीम गठित की है। ये टीम सड़क मार्ग से जाएगी।


एंट्री पाइंट पर होगी स्क्रीनिंग


नीमच व आगर-मालवा के एंट्री पाइंट पर सभी स्टूडेंट की स्क्रीनिंग करवाई जाएगी। इसके बाद इन्हें उज्जैन जिले में लाकर इन्हें इनके परिवार के सुपुर्द कर दिया जाएगा। नीमच जिले के 44 और उज्जैन संभाग के करीब 200 बच्चों के नाम आए है। सिंगोली स्थित कोटा राजस्थान बार्डर पर जिला प्रशासन उज्जैन संभाग के बच्चों की अगवानी करेंगे। इसके बाद स्क्रीनिंग करने के बाद संबंधित जिले के नोडल अधिकारियों के साथ उन्हें रवाना कर दिया जाएगा। बताया कोटा में फंसे बच्चों को सरकार द्वारा लाने की व्यवस्था की जा रही है। उज्जैन संभाग के बच्चों को जिला प्रशासन सिंगोली में रिसीव करेगा और उनके सभी की स्क्रीनिंग के बाद खाना खिलाया जाएगा। इसके बाद नीमच के बच्चों के लिए कुछ निजी होटल चिन्हित की गई जिन्हें कुछ दिन होटल में रखेंगे और उसके बाद फिर वह अपने घर भी जा सकेंगे। साथ ही अन्य जिले के बच्चे उनके नोडल अधिकारियों के साथ उनके गृह जिले में जाएंगे।