4 वर्ष का युवान सहित 18 लोग कोरोना को हराकर घर पहुंचे, नासमझ से एक ही परिवार के 12 लोग हो गए कोरोना पाज़ीटिव, साथ ही कोरोना महामारी से निपटने को तैयार है उज्जैन की RRT


 4वर्ष का मासूम युवान दुनिया की सबसे बड़ी बीमारी को हराकर बना कोरोना वॉरियर
आरडी गार्डी में इलाज के दौरान हमारा पूरा-पूरा ध्यान रखा गया
कोरोना से पूरी तरह ठीक होकर घर गये अलताफ ने दिया कलेक्टर को धन्यवाद
आरडी गार्डी से 18 लोग पूर्णत: स्वस्थ होकर अपने घरों को गये   


 उज्जैन 17 मई। रविवार को आगर रोड स्थित आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज अस्पताल से 18 लोग कोरोना वायरस के संक्रमण से पूर्णत: स्वस्थ होकर अपने-अपने घरों को गये। इस दौरान चार वर्षीय बालक युवान पिता हरगोविन्द की प्रशंसा करते हुए अपर कलेक्टर श्री सुजानसिंह रावत ने अन्य लोगों से कहा कि इस मासूम से बच्चे ने दुनिया की सबसे बड़ी बीमारी को हरा दिया है। ये बच्चा कोरोना वॉरियर है। इसके लिये केवल यही जरूरी है कि सही समय पर चिकित्सकों के पास पहुंचकर समझदारी का परिचय दें। बाकी लोगों को भी ऐसा ही करना चाहिये। कोरोना के लक्षण होने पर छिपायें नहीं, बल्कि तुरन्त डॉक्टर के पास जायें। श्री रावत ने अन्य सभी लोगों से कहा कि कोरोना बीमारी से घबराने की बजाय सतर्कता बरतने की जरूरत है।
इसी प्रकार 38 वर्षीय अलताफ पिता मो.यासीन ने आरडी गार्डी में इलाज के दौरान बिताये गये दिनों का अनुभव साझा करते हुए कहा कि यहां इलाज के दौरान उनका पूरा-पूरा ध्यान रखा गया। खाने-पीने से लेकर दवाईयां एवं बाकी देखभाल में कोई कमी स्टाफ द्वारा नहीं छोड़ी गई। अलताफ ने अस्पताल में उपलब्ध कराई गई सुविधाओं के लिये जिला प्रशासन और कलेक्टर को विशेष धन्यवाद दिया है।
अपर कलेक्टर श्री सुजानसिंह रावत एवं अन्य चिकित्सकों द्वारा अलताफ के साथ ठीक होकर जा रहे अन्य लोगों से भी उनका हालचाल पूछा तथा शुभकामनाएं देकर लोगों को अपने घरों के लिये विदा किया। अधिकारियों और डॉक्टरों द्वारा ठीक होकर जा रहे लोगों को सर्टिफिकेट दिये तथा एहतियातन 14 दिन के लिये सेल्फ क्वारेंटाईन में रहने की हिदायत दी, साथ ही यह भी कहा कि वे कोरोना से जंग जीतकर जा रहे हैं, इसीलिये वे कोरोना वॉरियर्स हैं, अत: अपने आसपास के लोगों और रिश्तेदारों को भी कोरोना संक्रमण के बारे में जागरूक करें तथा कोरोना के थोड़े भी लक्षण महससू हों तो बिना देर किये डॉक्टर की सलाह लें।
 पूर्णत: स्वस्थ होकर रविवार को आरडी गार्डी से अपने घरों के लिये रवाना हुए लोगों में युवान और अलताफ के अलावा बड़नगर के 25 वर्षीय सुनील पिता रतनलाल, 35 वर्षीय सुशील मकवाना पिता राजेन्द्र मकवाना, 27 वर्षीय उमेश पिता सुनील, 44 वर्षीय अनीता सेन पति सुनील, 65 वर्षीय कोमलबाई पति सुभाष मकवाना, 36 वर्षीय बबीता पति सतीश मकवाना, 26 वर्षीय दिव्या पति धनसिंग और उज्जैन निवासी 24 वर्षीय अभिलक्ष चौधरी पिता रामनिवास चौधरी, 10 वर्षीय अनास पिता मुजफ्फर, 14 वर्षीय फरहान पिता महमूद, 30 वर्षीय निलोबी पति मकसूद, 16 वर्षीय अमन खान पिता मकसूद, 12 वर्षीय अरशान खान पिता मकसूद, 35 वर्षीय सलमाबी पति फारूख सिद्धिकी, 28 वर्षीय हरगोविन्द पिता रामचन्द्र मालवीय और 25 वर्षीय गौरी पति हरगोविन्द शामिल थे।
इस दौरान वार्ड इंचार्ज श्री दिलीप शर्मा, डॉ.शैलेन्द्र शर्मा, डॉ.सुधीर गवारीकर, डॉ.विवेक पाराशर, डॉ.सुधाकर वैद्य व अन्य स्वास्थ्यकर्मी तथा सफाईकर्मी मौजूद थे। लोगों को वाहन से अपने-अपने घरों के लिये रवाना किया गया। स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा ठीक होकर जा रहे लोगों को अच्छे स्वास्थ्य और जीवन की शुभकामनाएं दी गई। साथ ही अपने घर जा रहे लोगों ने तालियां बजाकर अस्पताल के स्टाफ के प्रति आभार व्यक्त किया।


कोरोना महामारी से निपटने हेतु चौबीस घंटे मेंकिसी भी स्थान पर पहुंचने हेतु तैयार है उज्जैन शहर की आरआरटी


    उज्जैन 17 मई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.महावीर खण्डेलवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना महामारी कोविड-19 के दौरान के शहर की रेपिड रिस्पांस टीम (आरआरटी) लगातार चौबीस घंटे सेवा प्रदान कर रही है। कोरोना वायरस कोविड-19 महामारी के दौरान उज्जैन में कुल 25 रेपिड रिस्पांस टीम बनाई गई है। 19 टीम दिन में व छह टीम रात्रि में सेवाएं प्रदान कर रही है। प्रत्येक रेपिड रिस्पांस टीम में चार सदस्यों को शामिल किया गया है जिसमें एक चिकित्सक, दो पैरामेडिकल स्टाफ व एक पुलिसकर्मी हैं।
 चौबीस घंटे कभी भी कॉल आने पर रेपिड रिस्पांस टीम द्वारा पीपीई किट पहनकर पूर्ण सुरक्षा के साथ जिन क्षेत्रों मे पॉजीटिव मरीज पाये जाते है अर्थात जिन क्षेत्रों को कंटेनमेंट एरिया घोषित किया जाता है, उन क्षेत्रों मे पॉजीटिव मरीज के परिजनों एवं संबंधित कंटेनमेंट क्षेत्र के सभी लोगों की स्क्रीनिंग की जाती है एवं पॉजीटिव मरीज के संपर्क में आये सभी लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कर कोरोना की जांच हेतु सेम्पल कलेक्ट करवाया जाता है।
 रेपिड रिस्पांस टीम के नोडल अधिकारी डॉ.सुनीता परमार एवं सहायक नोडल अधिकारी डॉ.रोनक एल्ची द्वारा समस्त रेपिड रिस्पांस टीम की नियमित मॉनीटरिंग एवं सुपरविजन किया जा रहा है। समय-समय पर रेपिड रिस्पांस टीम को दिशा-निर्देशों से अवगत कराया जाता है एवं प्रोत्साहित किया जा रहा है।


अब पछताए क्या होत, जब चिड़िया चुग गई खेत
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया
एक ही परिवार के 12 लोग कोरोना पॉजिटिव


उज्जैन  17  मई।  कोरोना  वायरस बीमारी से बचाव के लिए जिला प्रशासन द्वारा बार-बार सोशल  डिस्टेंसिंग का पालन करने के निर्देश दिए जा रहे हैं। साथ ही कर्फ्यू  एवम  लॉक डाउन में घरों में रहने के लिए कहा जा रहा है। किंतु कतिपय लोग इस चीज को मजाक समझ रहे हैं और मनमर्जी कर रहे हैं। ऐसा ही एक उदाहरण उज्जैन  शहर  के  बेगमपुरा रहवासी क्षेत्र  में आया है। जहां एक ही परिवार के 12 लोग कोरोना पॉजिटिव निकले  है। इन सभी को आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है जहां इनका उपचार किया जा रहा है।
इस  परिवार के लोगों के सदस्यों से  आर आर टीम द्वारा बात करने पर यह तथ्य सामने आया है कि इन लोगों द्वारा कर्फ्यू एवं लॉकडाउन का  गंभीरता से पालन नहीं किया गया । गैरजरूरी चीजों के लिए चुपचाप  अंधेरे  का फायदा उठा कर कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए  परिवार के  सदस्य   यहां वहां जाते रहे। यही नहीं यह सभी लोग इकट्ठे होकर टाइमपास करते, घरों में पार्टियां करते एवं जब भी मौका मिलता गलियों में क्रिकेट खेलने का शौक भी फरमा लेते। पुलिस को देखकर छिप जाने की प्रवृत्ति जरूर इन्होंने  अपनाई ।लेकिन यह  सब करके   ये  लोग  कोरोना से छिप नही सके। कोरोना ने  एक  नहीं, दो  नहीं  पूरे  12  लोगो को लपेट  लिया।
आरडी  गार्डी  में भर्ती होते समय ये  सभी लोग  पछता रहे हैं, लेकिन  अब  पछताने से  क्या, जब   कोरोना रूपी चिड़िया  चुग गई खेत। पूरा परिवार, जिसमें सात वर्ष के बच्चे से लेकर 72 वर्ष के बुजुर्ग शामिल हैं, सब अस्पताल में  भर्ती है। एक  गलती ने  पूरे परिवार का जीवन खतरे में डाल दिया  है।
सोशल डिस्टेंनसिंग  , लॉकडाउन का पालन ही एकमात्र उपाय
कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री  आशीष सिंह ने उज्जैन शहर एवं जिले के नागरिकों से अपील की है कि वे कोरोना वायरस से डरे नहीं उससे लड़ने के लिए स्वयं को  तैयार करे। उन्होंने कहा कि केवल दो-तीन ही  बातें है  जिनका पालन कर   हम  कोरोना से बच  सकते है।  इनमें  सोशल  डिस्टेंसिग  का पालन , हाथों को बार-बार साबुन से  20 सेकंड तक मलमल कर  धोना, कर्फ्यू एवं लॉकडाउन का पालन करते हुए घरों में रहना  शामिल है। उन्होंने कहा कि  घरों में भी यदि कोई व्यक्ति सर्दी जुखाम बुखार से पीड़ित है तो उसकी सूचना  कंट्रोल रूम  पर  अनिवार्य रूप  देना   चाहिए। कलेक्टर ने अपील की  है कि  घर घर  सर्वे के लिए  आ रही टीम  को  सही सही  जानकारी  दे  और  कोरोना   जारी  लड़ाई में सहयोग  करे।