ICMR उज्जैन में कोरोना वायरस की तीव्रता गति पर करेगा सर्व


कोरोना वायरस मनुष्य शरीर मे फैलते संक्रमण के बदलाव जिसमें संक्रमण की तीव्रता, धीमी  और इसके प्रसार की वजह से  हो रहे बदलावों को लेकर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) मध्य प्रदेश के तीन जिलों उज्जैन , देवास , ग्वालियर सहित देश के 69 जिलों में सर्वे कराएगी। इन जिलों का चयन कोरोना के संक्रमण की तीव्र, मध्यम और धीमी प्रसार गति के आधार पर किया गया है।


विदित है कि  उज्जैन में कोरोना संक्रमण की गति ज्यादा है, वहीं देवास में प्रसार की गति मध्यम व ग्वालियर में बहुत ही धीमी गति है। हालाकि कोरोना के हॉट स्पॉट इंदौर और भोपाल होने के बावजूद  सर्वे के लिए चुने गए जिलों में शामिल नहीं हैं।


आईसीएमआर के अनुसार, यह सर्वेक्षण समुदाय आधारित होगा। 24 हजार वयस्कों को इसमें शामिल किया जाएगा। इसका उद्देश्य कोरोना संक्रमण की व्यापकता का अनुमान लगाना है जिससे भविष्य की रणनीति तय की जा सके। इस शोध के साथ ही आईसीएमआर अस्पताल आधारित निगरानी भी शुरू कर रही है।


डॉ.मनोज मुहरेकर - डायरेक्टर , राष्ट्रीय महामारी विज्ञान संस्थान, आईसीएमआर के  अनुसार सर्वे का उद्देश्य तीव्रता का पता लगाना है , कोरोना संक्रमण के फैलाव को लेकर जानकारी जुटाना है। सर्वेक्षण किसी एक जिले या स्थान को लेकर नहीं अपितु राष्ट्रीय स्तर पर कोरोना के प्रसार की तीव्रता देखना है।जिलों का चयन भी इसी आधार पर किया गया है। 


डॉ.संजय दीक्षित - प्रोफेसर , कम्युनिटी मेडिसिन के अनुसार आईसीएमआर का सर्व व्यापक स्तर पर है ICMR व्यापक स्तर पर सर्वेक्षण करती है। इस प्रकार से  आइसीएमआर पहले भी  रैंडम सैपलिंग करवाती रही है।  देवास, उज्जैन और ग्वालियर जिलों को चुनाव के पीछे संभवत: यह वजह हो सकती है कि ग्वालियर में संक्रमण बहुत सुस्त है, वहीं देवास में प्रसार की गति मध्यम व उज्जैन में तीव्र है।


खुद को तेजी से बदल रहा है : 


कोरोना वायरस हर देश और परिस्थिति में खुद में कुछ बदलाव कर रहा है। भारत में ही अब तक 52 सीक्वेंस कोरोना के जीनोम में पहचाने जा चुके हैं। इसी तरह अन्य देशों में हजारों छोटे-छोटे बदलाव इसके जीनोम सीक्वेंस में हो चुके हैं। लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रोपिकल मेडिसिन ने कहा है कि म्यूटेशन के कारण कोरोना की विशेषता में आए बदलाव पर अभी अध्ययन किया जा रहा है। लेकिन यह पक्की बात है कि हर म्यूटेशन ने इसे फैलने में मदद की है। प्रमुख शोधकर्ता प्रो. मार्टिन हिबार्ड का कहना है कि हमें दुनियाभर में कोरोना पर कड़ी नजर रखनी होगी, क्योंकि शोध बता रहा है कि यह खुद में तेजी से बदलाव कर रहा है


नही बदला मूल स्वरूप :


हालांकि चीन से निकलकर दुनिया के 202 देशों में फैल चुके कोविड-19 के वायरस का मूलस्वरूप अब भी वही है। वैज्ञानिकों को अंदेशा है कि जीनोम सीक्वेंस की संख्या दस हजार के पार भी जा सकती है।