इंदौर के अरविंदो अस्पताल (सैम्स) में ' रेड श्रेणी " के मरीजों साथ ' यलो श्रेणी " के मरीजों का भी इलाज होगा , सर्व टीम को मिले 5 पाजिटिव सहित 26 संदिग्ध कोरोना मरीज , इंदौर में भर्ती उज्जैन के दो मरीज कोरोना से मुक्त हुए,


इंदौर का अरविंदो अस्पताल (सैम्स) कोविड-19 वायरस से मिलते-जुलते लक्षण वाले मरीजों के इलाज के लिये यलो श्रेणी में भी चिन्हित किया गया है। यह अस्पताल कोविड-19 वायरसग्रस्त मरीजों के इलाज के लिये रेड श्रेणी में भी चिन्हित है।

            कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने आदेश जारी कर आज इस अस्पताल को कोविड-19 वायरस से मिलते-जुलते लक्षण वाले मरीजों के इलाज के लिये यलो श्रेणी में भी चिन्हित किया है। इसके तहत अरविंदो अस्पताल प्रबंधन मेडिकल आवश्यकता अनुसार कुछ भाग को कोविड-19 वायरस से मिलते-जुलते लक्षण वाले मरीजों के इलाज के लिये यलो श्रेणी के मापदण्ड अनुसार बनायेगा तथा शेष भाग को कोविड-19 पॉजिटिव मरीजों के उपचार हेतु रेड श्रेणी में निर्धारित करेगा।


इस अस्पताल को समस्त निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा। पालन नहीं करने पर द एपिडेमिक डिसिज एक्ट 1897 एवं अन्य प्रावधानों के तहत  कार्यवाही की जायेगी।  निर्देश दिये गये हैं कि कोविड-19 वायरस से मिलते-जुलते लक्षण वाले मरीजों हेतु एक व्यवस्थित ओपीडी संचालित की जायेगी, जिससे कि पीड़ित मरीज वहाँ आकर संबंधित अस्पताल के ओपीडी में बैठे हुये चिकित्सकों को अपनी समस्या बता सके।


बतादे की अरविंदो हॉस्पिटल इंदौर में उज्जैन के कोरोना संक्रमित मरीजो का भी इलाज किया जा रहा है।


दो कोरोना पॉजीटिव मरीज स्वस्थ होकर घर लौटे, जिले में अब तक 148 कोरोना संक्रमित मरीज स्वस्थ हुए


उज्जैन 16 मई। उज्जैन जिले के आज इंदौर में भर्ती 02 कोरोना पॉजीटिव मरीज स्वस्थ होकर घर गये है। उज्जैन जिले में 16 मई की शाम 7 बजे तक कुल 148 कोरोना संक्रमित मरीज स्वस्थ होकर अपने घर लौट गये हैं।


सर्वे टीम की मेहनत रंग लाई, 26 संदिग्ध मरीजों की पहचान की गई इनमें से 05 पॉजिटिव  निकले, पॉजिटिव मरीजो की संख्या बढ़ना  चिंता का विषय नही


उज्जैन 16 मई। उज्जैन शहर में कोरोनावायरस से लड़ाई में  अच्छे  संकेत मिलते  दिख  रहे  है ।उज्जैन शहर में सर्वे के लिए लगाई गई 376  टीम्स   प्रभावित क्षेत्र  में  प्रत्येक दरवाजे पर दस्तक दे रही है ,लोगों से पूछ रही है कि उन्हें सर्दी जुकाम बुखार तो नहीं  है ।और यदि है तो ऐसे व्यक्ति की तुरंत जांच करवाई जा रही है । यह टीम की मेहनत का नतीजा है कि लगभग 1 सप्ताह में उन्होंने  97189 परिवारों तक अपनी पहुंच बना ली है ।    यही नहीं इस टीम की मेहनत के कारण विभिन्न क्षेत्रों से कुल 26 संदिग्ध कोरोना मरीजो  की पहचान की गई और उनके सैंपल जांच के लिए भेजे गए ।इनमें से 05 व्यक्ति कोरोनावायरस पॉजिटिव  निकले हैं। जो  पांच  व्यक्ति  कोरोना  पॉजिटिव पाए गए हैं उनमें 40 वर्षीय महिला  प्रकाशनगर  से 47 वर्षीय महिला लक्ष्मी बाई मार्ग से, 62 वर्षीय पुरुष व 23  वर्षीय  महिला दोनों  बेगमपुरा से तथा 40 वर्षीय पुरुष पटेल नगर से शामिल ।  
      सर्वेक्षण टीम  के प्रयास से ही कुछ नए क्षेत्र की पहचान हुई है जहां कोरोनावायरस  पॉजिटिव मरीज घर में  छुपे  बैठे थे और उपचार नहीं करवा रहे थे  ।इन सभी क्षेत्रों पर अब प्रशासन की नजर है और शहर में  कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के लिए पूरी ताकत झोंक दी गई है।
  
          कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने सर्वेक्षण टीम जिसमें विभाग महिला एवं बाल विकास विभाग ,आशा कार्यकर्ता,  चिकित्सा विभाग के कर्मचारी ,नगर निगम के कर्मचारी ,विभिन्न मुस्लिम क्षेत्र में मुस्लिम समुदाय के चिकित्सक को   प्रेरित  करके  कोरोना   की  लड़ाई  के  कार्य  मे  लगाया  , उनमें  जोश   भरा ।  टीम द्वारा  घर-घर जाकर लोगों से पूछताछ की जा रही  है । कलेक्टर ने कहा कि इस तरह से मरीजों की पहचान होती  रहती है तो यह निश्चित रूप से  कोरोना  कि लड़ाई में जीत की ओर एक कदम साबित होगा ।


     कलेक्टर ने कहा कि पॉजिटिव मरीजों की संख्या  बढ़ना  कोई चिंता का विषय नहीं है ।चिंता तो तब है जब लोग घरों में छुप कर बैठे रहे और  कोरोना  से  संक्रमित  होते रहे ।कलेक्टर ने कहा कि ऐसे लोगों की तुरंत पहचान कर उनका सैंपल आरआर टीम द्वारा लिए जा रहे हैं। गंभीर मरीजों को अस्पताल तक लाकर उनको भर्ती कराया जा रहा है तथा उनकी जांच की जा रही है। समय पर पहचान से मरीजों को क्रिटिकल होने से रोका जा सकेगा ।
   
         सर्वेक्षण टीम प्रभारी अपर कलेक्टर श्रीमती विदिशा मुखर्जी ने बताया कि उज्जैन शहर में कुल 376 टीम सर्वेक्षण के कार्य में लगी है और प्रत्येक टीम ढाई सौ घरों में जाकर लगातार लोगों के घरों में दस्तक देकर उनके स्वास्थ्य की जानकारी एकत्रित कर रही है ।टीम को 4 दिन में ढाई सौ घरों में सर्वेक्षण का लक्ष्य दिया गया है और पांचवे दिन ही  विश्राम दिया जाता है ।  इसके  बाद फिर इन  टीमो को सर्वेक्षण  के कार्य में लगाया जाता है ।इस तरह निरंतर लोगों के संपर्क में रहकर हर एक व्यक्ति पर नजर रखी जा रही है । उन्होंने बताया कि बड़नगर  के 18  वार्डों के लिए लिए भी 40 टीम तैयार कर दी गई है और वहां भी सर्वे का कार्य प्रारंभ हो गया है ।