कोरोना वायरस के चलते देशव्यापी लॉकडाउन के कारण मध्य प्रदेश में कक्षा 1 से 8 वी तक के विद्यार्थियों को माह अप्रैल में बिना परीक्षा दिए क्लास में प्रमोट आकर दिया गया. अब छात्र छत्राओं को मिलने वाली मार्कशीट इस बार हमेशा से कुछ अलग नज़र आने वाली है.
दरअसल अगली क्लास में प्रमोट कर दिए गये छात्र-छात्राओं की मार्कशीट (Marksheet) पर एक सील-ठप्पा लगाया जाएगा जिस पर लिखा होगा-"कोरोना वायरस में बचाव के कारण प्रोन्नत". ये सील लगाने का आदेश राज्य शिक्षा केंद्र ने दिया है. जनरल प्रमोशन का ये ठप्पा ठीक उस जगह लगाया जाएगा जहां परसेंटेज लिखा जाता है. इस आदेश के बाद अब हर मार्कशीट और टीसी पर अलग रंग की स्याही वाले पेन से जनरल प्रमोशन की सील लगाई जाएगी.
राज्य शिक्षा केंद्द्र ने अपने आदेश में कहा है कि पहली से आठवीं तक के प्रत्येक छात्र छात्राओं को जनरल प्रमोशन दिया जाए. सभी स्टूडेंट की मार्कशीट और टीसी पर "कोरोना संक्रमण बचाव के कारण प्रोन्नत की सील" लगायी जाए. और किसी भी बच्चे को उसी कक्षा में नहीं रोका जाए. इन स्टूडेंट्स की परीक्षाएं नहीं हुई हैं उन सभी को तिमाही, छमाही और आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर अगली कक्षा में प्रमोट किया जाए.
हर क्लास के बच्चे की मार्कशीट और टीसी में अलग रंग के स्याही वाले पेन का इस्तेमाल किया जाएगा. जनरल प्रमोशन की सील लगाने के बाद उस पर संकुल प्राचार्य की मंजूरी लेना होगी.उसके बाद हर साल की तरह रिजल्ट जारी किया जाएगा फिलहाल राज्य शिक्षा केंद्र ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि पांचवी और आठवीं के छात्र छात्राओं के रिजल्ट में वार्षिक मूल्यांकन का कॉलम खाली छोड़ा जाएगा इसमें स्टूडेंट्स को पिछली परीक्षाओं के नंबर के आधार पर आंतरिक मूल्यांकन कर जनरल प्रमोशन दिया जाएगा.
बोर्ड से होना थी 5 वी, 8 वी की परीक्षा
मध्यप्रदेश में अब तक पांचवी और आठवीं के छात्र-छात्राओं की बोर्ड परीक्षाएं नहीं थी. मध्यप्रदेश में 15 महीने पहले कांग्रेस सरकार ने पांचवी और आठवीं को बोर्ड करने का निर्णय लिया था.
मध्यप्रदेश में स्कूली विद्यार्थियों को जनरल प्रमोशन का दूसरा मौका
कोरोना लॉक डाउन के चलते मध्यप्रदेश में स्कूल स्टूडेंट्स को जनरल प्रमोशन देने का ये दूसरा मौका है. इससे पहले 1984 में जनरल प्रमोशन दिया गया था. उस साल अक्टूबर में इंदिरा गांधी हत्याकांड के बाद हुए सिख दंगों और फिर भोपाल गैस कांड के कारण लंबे समय तक स्कूल बंद रहने के कारण पढा़ई का काफी नुक़सान हुआ था. तब मध्य प्रदेश की तत्कालीन अर्जुन सिंह सरकार ने जनरल प्रमोशन देने का फैसला किया था.