कोरोना महामारी के चलते वैश्विक स्तर पर पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट यानि पीपीई किट की बढ़ती जरूरत को देखते हुए खादी उघोग भी अब कोरोना योद्धाओं के लिये ppe kit का निर्माण कर रहा है ।
खादी इंडिया ने खादी का इस्तेमाल करते हुए पीपीई किट तैयार की है, जो अभी परीक्षण के दौर पर है और इसकी मंजूरी की प्रक्रिया चल रही है। आयोग ने अभी तक खादी किट बाजार में जारी नहीं की है। खादी इंडिया ने कोरोना महामारी के खिलाफ संघर्ष में योगदान के लिए माास्क का निमार्ण किया है। यह पूरी तरह से सुरक्षित है और इनको बनाने में हाथ से बुने कपड़े का इस्तेमाल किया जाता है । यहीं नहीं कोरोना वायरस को मारने के लिए खादी इंडिया ने हैंड सैनिटाइजर भी बाजार में उतार दिया है।
केवीआईसी ने कहा कि खादी उद्योग को पुनर्जीवित करने के सरकार के निरंतर प्रयासों और खादी को दैनिक जीवन की आवश्यकता के रूप में अपनाने के लिए, प्रधानमंत्री की अपील करने के परिणामस्वरूप केवीआईसी लगातार विकास कर रहा है। खादी परिधानों के अलावा, ग्राम उद्योग उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला जैसे सौंदर्य प्रसाधन , साबुन और शैंपू ,आयुर्वेदिक दवाएं , शहद , तेल , चाय , अचार , पापड़, हैंड सैनिटाइजर , मिष्ठान्न ,खाद्य पदार्थ और चमड़े की वस्तुओं ने भी बड़ी संख्या में देश-विदेश के उपभोक्ताओं को आकर्षित किया है। इसके परिणामस्वरूप, पिछले पांच वर्षों में ग्रामोद्योग उत्पादों के उत्पादन और बिक्री में लगभग दोगुनी वृद्धि दर्ज की गई ।
आजादी की लड़ाई में कभी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग-केवीआईसी का वित्त वर्ष 2019-20 में कुल कारोबार 88 हजार 887 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। केवीआईसी ने विभिन्न राज्य सरकारों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों जैसे एयर इंडिया , आईओसी , ओएनजीसी, आरईसी और अन्य, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों , भारतीय रेल और स्वास्थ्य मंत्रालय को अपने उत्पाद बेचे हैं।
कोरोना वायरस के विश्वव्यापी संकट में कुछ नकलची कारोबारियों ने ब्रांड खादी के नाम पर भी गोरखधंधा शुरू कर दिया है। इन लोगों ने खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के पंजीकृत ट्रेडमार्क खादी इंडिया के नाम का उपोयग कर व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) किट बाजार में लांच कर दिया है।
दिल्ली की फर्म बेच रही खादी के नाम से नकली पीपीई किट
केवीआईसी ने पीपीई किट बाजार में नहीं उतारी है। लेकिन पीपीई किट को खादी इंडिया के नाम पर धोखे से बाजार में बेचा जाना गलत है। खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष विनय सक्सेना ने कहा धोखेबाजों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने पर विचार कर रहा है। खादी और ग्रामोद्योग आयोग के उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी सत्यनारायण को यह पता चला है कि दिल्ली स्थित एक निजी फर्म द्वारा निर्मित पीपीई किट खादी इंडिया के नाम से बाजार में बेचा जा रहा है।
सरकार नकली किट पर सख्त
सरकार ने पहले ही नोटिफिकेशन जारी कर तय कर दिया है कि जो भी कंपनी पीपीई किट तैयार करें, उन्हें इसके लिए कपड़ा मंत्रालय से मंजूरी लेनी होगी। इसके लिए सरकार की तरफ से मानक भी निर्धारित कर दिए गए हैं। कंपनियों की तरफ से बनाई गई किट का पहले लैब में टेस्ट किया जाएगा। ये टेस्ट कोयंबटूर स्थित साउथ इंडिया टेक्सटाइल रिसर्च एसोसिएशन की लैब में और ग्वालिर की डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट लैब में किया जाएगा। लैब टेस्ट में पास होने के बाद ही किट बनाने वाले कारोबारी को इन्हें बेचने की इजाजत दी जाएगी।