मन्दिर के प्रशासक व पुजारी, पुरोहित, अधिकारियों के बीच बैठक हुई
उज्जैन । शासन की मंशा एवम आदेश के अनुपालन में प्रमुख ज्योतिर्लिंग श्री महाकालेश्वर मंदिर में सर्वप्रथम 08 जून से ही दर्शन आम जन हेतु प्रारंभ कर दिए गए साथ ही भौतिक दूरी, सेनेटीजेशन, थर्मल स्क्रीनिंग व समान्य जन की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देकर सभी निर्देशों का अनुपालन सख्ती से किया जा रहा है. इसी क्रम में प्रशासक सोजान सिंह रावत ने दोपहर अपने कर्यालय में मंदिर के पुजारी ,पुरोहित एवं मन्दिर अधिकारियों के साथ बैठक लेकर आने वाले श्रावण मास के सन्दर्भ व वर्त्तमान व्यवस्थओं पर सुझाव मांगे.पुजारियों व पुरोहितों ने वर्तमान व्यवस्था पर ख़ुशी ज़ाहिर की व इसे श्रावण माह हेतु भी जारी रखने का अनुरोध किया. बेरिकडेस से दर्शन, हार, फूल , जल अर्पण आदि पर रोक लगाये रखने, कालखण्ड विस्तृत कर दिन भर में 10000 तक दर्शनार्थी रोज दर्शन लाभ ले सकें ऐसी योजना लागू करने का आव्हान किया .उपस्थित जन ने सुझाव दिया कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा श्री जगन्नाथ मंदिररथ यात्रा संबंधी निर्णय का भी ध्यान रखकर जन समान्य की सुरक्षा व परम्पराओं के निर्वहन करने हेतु हर संभव सहयोग देंवेंगे.
श्रावण मास में निकलने वाली सवारियों पर सदस्यों ने कहा कि परम्परा के मूल स्वरूप का पालन किया जाना चाहिए लेकिन वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए ज़नमानस की सुरक्षा मंदिर की भी सर्वोच्च प्राथमिकता है , इसलिए सवारी मार्ग छोटा व सुरक्षित रखने पर भी प्रशासन चाहे तो निर्णय लेवे.
श्रावण महोत्सव निरस्त रखे जाने, पूर्व जानकारी होने पर मुम्बई, दिल्ली के दर्शनार्थियों की जानकारी प्रशासन को यथा सम्भव दिए जाने पर चर्चा हुई. श्री रावत ने कहा कि मंदिर में प्रातः व संध्या शहनाई वादन परम्परा प्रारम्भ कर दी गयी है, भाँग श्रंगार की अनुमति भी दी जा रही है यद्यपि सभी को दर्शन नियमो का पालन करना ही होगा.बैठक में पुजारी आशीष गुरु, प्रदीप गुरुजी, महेश पुजारीजी, पुरोहित अशोक शर्मा जी, लोकेश व्यासजी, दिनेश गुरुजी आदि व मंदिर अधिकारी श्री जूनवाल, श्री द्विवेदी, आर के तिवारी भी उपस्थित थे.