मप्र में बनेगा ‘एकल नागरिक डाटाबेस’ बार-बार नहीं देनी पड़ेंगे दस्तावेज और जानकारी


मध्यप्रदेश के नागरिकों के लिए "एकल नागरिक डाटाबेस" बनाने की प्रक्रिया जल्द शुरू होने वाली है  एकल नागरिक डाटाबेस बन जाने से शासकीय मशीनरी का समय बचेगा, वहीं नागरिकों के लिए नई व्यवस्था अधिक सुविधाजनक होगी । नागरिकों  की सम्पूर्ण जानकारी , उनके सभी दस्तावेज एक ही डाटाबेस में रहेंगे उन्हें बार बार देने की जरूरत नही होगी ।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में शीघ्र ही ‘एकल नागरिक डाटाबेस’ तैयार किये जाने का कार्य किया जाएगा।


क्या होगा फायदा



  •  अभी विभिन्‍न योजनाओं का लाभ देने के लिए नागरिकों से बार-बार जानकारी मांगनी पड़ती है। एकल नागरिक डाटाबेस बन जाने से नागरिकों को बार-बार जानकारी नहीं देनी होगी। शासन के पास उपलब्ध जानकारी का विभिन्न योजनाओं का लाभ देने के लिए उपयोग किया जा सकेगा।

  • प्रदेश में संचालित हितग्राहीमूलक योजनाएं संचालित होती इन योजनाओं का लाभ देने के लिए हितग्राहियों का अलग-अलग पंजीयन किया जाता है। इससे एक ओर शासकीय मशीनरी को बहुत समय खर्च करना पड़ता है वहीं नागरिकों को भी बार-बार जानकारी उपलब्ध करानी होती है। "एकल नागरिक डाटाबेस ' बन जाने से शासकीय मशीनरी का समय बचेगा, वहीं नागरिकों के लिए नई व्यवस्था अधिक सुविधाजनक होगी।

  • एकल नागरिक डाटाबेस बन जाने से हितग्राहियों से बार-बार उनके दस्तावेज नहीं मांगने होंगे। जैसे एक बार किसी नागरिक का जाति प्रमाण पत्र जारी करने के बाद उसका रिकार्ड एकल डाटाबेस में रहेगा, अत: किसी दूसरी योजना का लाभ लेने के लिए उससे दोबारा जाति प्रमाण पत्र मांगने की आवश्यकता नहीं होगी।


डाटाबेस में रहेगी पूरी जानकारी


एकल नागरिक डाटाबेस में नागरिक के नाम, पते आदि के अलावा उसकी शैक्षणिक योग्यता संबंधी प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, भूमि का विवरण, उगाई गई फसल, मूल निवासी प्रमाण पत्र, गरीबी रेखा प्रमाण पत्र आदि की जानकारी रहेगी। एकल डाटाबेस के निर्माण के लिए समग्र डाटा को बेहतर बनाया जाएगा तथा आधार के बायोमेट्रिक का इस्तेमाल किया जाएगा।