लापरवाही रही तो परिणाम भयावह हो सकते हैं
बाजार खुलने की रौनक और चहल पहल जिंदगी को वापस पटरी पर ला रही है । लगभग 72 दिन के लॉक डाउन के बाद जब शासन , प्रशासन ने तमाम नियमों के अनुसार छूट दी लेकिन अनलॉक-1 के पहले दिन जो तस्वीरें सामने आईं, वे जिंदगी के पटरी पर लौट आने की गवाही देती हैं। जिस तरह से हर जगह सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की धज्जियां उड़ाई गईं, उससे आने वाले दिनों की चिंता बढ़ गई है। अगर लापरवाही इस तरह की ही रही तो परिणाम भयावह हो सकते हैं। मध्यप्रदेश स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान का कहते हैं कि आने वाला समय कठिन है। अनलॉक में मरीज और ज्यादा बढ़ेंगे। सरकार इससे निपटने की तैयारी कर रही है।
मध्य प्रदेश स्वास्थ्य विभाग (Health Department) को आशंका है कि जून महीने में कोरोना संक्रमण (Coronavirus) के मामलों में बढ़ोतरी होगी. इसके लिए सभी जिलों को अपने स्तर से तैयारी करने के निर्देश दे दिए गए हैं. 1 से 3 जून तक प्रदेश के विभिन्न जिलों में कोरोना कंट्रोल और ट्रीटमेंट की हकीकत का जायजा हेल्थ ऑफिसर्स लेंगे. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने हर जिले में एक ऑफिसर इंचार्ज नियुक्त किया है. ये ऑफिसर्स 15 बिन्दुओं पर पड़ताल कर अपनी रिपोर्ट विभाग को सौपेंगे।
माधव नगर चिकित्सालय को सर्वसुविधायुक्त बनायें -एसीएस मो.सुलेमान
हाईरिस्क क्षेत्र में शत-प्रतिशत सर्वे कर फीवर क्लिनिक में लोगों को जाने के लिये प्रेरित करें
उज्जैन 02 जून। अतिरिक्त मुख्य सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा चिकित्सा शिक्षा मोहम्मद सुलेमान ने मंगलवार को उज्जैन जिले में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव एवं उपाय के सम्बन्ध में अब तक की गई तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन खुलने के बाद संक्रमण के केस बढ़ेंगे, लेकिन इससे डरने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि जितनी ज्यादा तेजी से केस बढ़ेंगे, उतनी ही तेजी से रिकवरी भी होगी। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने संभागायुक्त श्री आनन्द शर्मा एवं कलेक्टर श्री आशीष सिंह को निर्देश दिये कि माधव नगर चिकित्सालय में सभी आवश्यक सुविधाएं जुटाई जायें और चिकित्सालय को सर्वसुविधायुक्त बनाया जाये।
चिकित्सालय में 100 ऑक्सीजन बेड की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। उन्होंने हाईरिस्क क्षेत्र में शत-प्रतिशत सर्वे कर संक्रमण के मरीजों को चिन्हित करने के निर्देश दिये और कहा कि सर्वे टीम पर्याप्त प्रशिक्षित हो, जो एक बार में ही कोरोना के लक्षण पहचान जाये। कोरोना के लक्षण पहचानने में एवं स्केनिंग में अनावश्यक देरी न हो। जैसे ही कोरोना के मरीज सामने आते हैं, उन्हें तत्काल चिकित्सालय में भर्ती कर उनका उपचार शुरू कर दिया जाये। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने फीवर क्लिनिक की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिये और कहा कि यदि किसी व्यक्ति को कोरोना के लक्षण दिखाई देते हैं तो वे फीवर क्लिनिक में आकर जांच अनिवार्य रूप से करा लें। कोई भी संदिग्ध घर में न रहे, अन्यथा संक्रमण के चांस बढ़ जाते हैं। उन्होंने उज्जैन जिले में कोरोना मरीजों की मृत्यु दर में आई कमी पर संतोष व्यक्त किया। बताया गया कि विभिन्न वार्डों में मोहल्ला क्लिनिक खोले गये हैं। इन क्लिनिक में आवश्यक दवाईयां और नर्सिंग स्टाफ मुहैया कराया गया है। मोहल्ला क्लिनिक के माध्यम से 60 कोरोना के प्रकरण चिन्हित किये गये हैं।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.महावीर खंडेलवाल को निर्देश दिये कि वे मरीज की कंडिशन देखकर ही निर्णय लें कि उसे डिस्चार्ज किया जाये कि नहीं। उन्होंने कोरोना मरीजों को पौष्टिक भोजन देने के निर्देश दिये और कहा कि मरीजों को अस्पताल में भी घर जैसा माहौल मिले। अस्पतालों में साफ-सफाई और अन्य व्यवस्था मेंटेन रहे। उन्होंने कलेक्टर को निर्देश दिये कि हर जगह होम डिलेवरी से सामान पहुंचाना संभव नहीं है, इसलिये कुछ क्षेत्रों में सब्जी एवं फल की दुकान खोली जाये।
बताया गया कि अमलतास अस्पताल में 300 बेड की व्यवस्था की गई है। आवश्यकता पड़ने पर इसकी संख्या बढ़ाई जायेगी। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने निर्देश दिये कि आयुष्मान भारत योजना के हितग्राही यदि कोरोना प्रभावित हैं तो उन्हें इस योजना के तहत लाभ दिलाया जाये। हर व्यक्ति सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करे, मास्क पहने एवं अपने हाथों को साबुन से धोते रहें। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 70 प्रतिशत प्रकरणों में रिकवरी हो रही है। मृत्यु दर में कमी आई है और अब लोग इलाज के लिये सामने आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश में रिकवरी रेट राजस्थान के बाद दूसरे नम्बर पर है।
कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने बताया कि जिले में 692 पॉजीटिव केस है, जिनमें से 159 केस एक्टिव है। सर्वे द्वारा 117 पॉजीटिव मरीज चिन्हित किये गये थे। फीवर क्लिनिक के माध्यम से भी 104 मरीज निकलकर सामने आये। सर्वे टीम घर-घर जाकर सर्वे कर रही है। 116 कंटेनमेंट एरिया बनाये गये हैं। गत 10 दिनों में मालीपुरा एवं बेगमपुरा से केस निकलकर सामने आये हैं। 15 हॉट स्पाट ऐसे हैं जहां ज्यादा कोरोना के केस निकलकर सामने आये हैं। चरक अस्पताल का छटवा फ्लोर रिजर्व रखा गया है। आवश्यकता पड़ने पर कोरोना मरीजों को यहां भर्ती किया जायेगा।
पुलिस अधीक्षक श्री मनोज कुमार सिंह ने बताया कि 675 स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाकर निगरानी रखी जा रही है। आठ ड्रोन कैमरे कार्यरत हैं। 10 होम क्वारेंटाईन चेकिंग पार्टी बनाई गई है। 17 मोटर साइकल पार्टी कार्यरत है। शासकीय कार्य में बाधा डालने पर 7 व्यक्तियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई है तथा लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर 3188 व्यक्तियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई है। 14 पुलिसकर्मी भी संक्रमित हुए है, जिनका उपचार किया जा रहा है।
बैठक में प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा श्री संजय शुक्ला, संभागायुक्त श्री आनन्द कुमार शर्मा, पुलिस महानिरीक्षक श्री राकेश गुप्ता, डीआईजी श्री मनीष कपूरिया, कलेक्टर श्री आशीष सिंह, पुलिस अधीक्षक श्री मनोज कुमार सिंह, आयुक्त नगर निगम श्री क्षितिज सिंघल सहित सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित थे।
मास्क नहीं पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने व सामूहिक ,एकत्रीकरण पर स्पॉट फाईन किया जायेगा
उज्जैन 02 जून। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री आशीष सिंह ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एक्ट-2005, द एपिडेमिक डिसिज एक्ट-1897 एवं मप्र शासन के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी नोटिफिकेशन दिनांक 23.03.2020 से प्रदत्त अधिकारों के तहत कोरोना वायरस संक्रमण फैलने से रोकने के लिये चेहरे पर मास्क लगाना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना, थूकने पर प्रतिबंध लगाना व हाथ साफ करने हेतु सेनीटाइजर व साबुन का उपयोग करना अनिवार्य कर दिया है। उन्होंने उक्त सभी गतिविधियों के लिये आम नागरिक को पाबन्द करते हुए अवहेलना करने पर स्पॉट फाईन करने के आदेश जारी किये हैं।
कलेक्टर द्वारा आदेश के अनुसार मास्क का उपयोग नहीं करने पर सम्बन्धित व्यक्ति को 100 रुपये से 500 रुपये तक का फाईन, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने पर 100 रुपये से 500 रुपये तक का फाईन, निजी कार्यालयों एवं बैंकों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने पर एक हजार रुपये तक का स्पॉट फाईन करने के आदेश जारी किये हैं। इसी तरह समस्त संस्थानों, औद्योगिक इकाईयों में कार्यरत व्यक्तियों के लिये संस्थान प्रभारियों को समुचित मात्रा में जगह-जगह सेनीटाइजर रखना अनिवार्य किया गया है। यही नहीं संस्थानों में टॉयलेट्स, वॉश बेसिन, जलप्रदाय की व्यवस्था करना एवं साबुन की व्यवस्था करना अनिवार्य है। इस दायित्व का उल्लंघन करने पर संस्थान प्रभारी को 10 हजार रुपये तक स्पॉट फाईन किया जायेगा।
थूकने पर प्रतिबंध
उज्जैन जिले की सीमा में कोरोना संक्रमण रोकने के लिये सार्वजनिक स्थल पर थूकना पूर्णत: प्रतिबंधित कर दिया गया है। इस प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर सक्षम प्राधिकारी द्वारा 200 रुपये का स्पॉट फाईन कर तत्काल रसीद देकर राशि वसूली जायेगी। उक्त आदेशों का उल्लंघन भादसं की धारा-187, 188, 269, 270, 281 एवं राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 की सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत दण्डनीय होगा।
उक्त अनुसार पर्यवेक्षण एवं स्पॉट फाईन कर वसूली करने हेतु नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत क्षेत्र में क्रमश: आयुक्त नगर निगम, मुख्य नगर पालिका अधिकारी, एसडीएम एवं कार्यपालिक मजिस्ट्रेट, पुलिस निरीक्षक स्तर के पुलिस अधिकारी, क्षेत्रवार गठित कोरोना स्क्वाड के प्रभारी अधिकारी को सक्षम प्राधिकारी घोषित किया गया है। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्र में एसडीएम एवं समस्त कार्यपालिक मजिस्ट्रेट, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, पुलिस निरीक्षक एवं थाना प्रभारी को सक्षम प्राधिकारी घोषित किया गया है।