शासकीय जमीन बेचने वाली अभियुक्ता की जमानत निरस्त
उज्जैन।
न्यायालय श्रीमती विधि डागलिया, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी तराना जिला उज्जैन के न्यायालय द्वारा अभियुक्त गोविंद कुवरबाई पति अर्जुनसिंह उम्र 62 निवासी नैनावद का जमानत आवेदन निरस्त किया गया।
अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी श्री मुकेश कुमार कुन्हारे ने अभियोजन घटना अनुसार बताया कि पुलिस थाना मक्सी पर दिनांक 20.02.2020 आवेदक राजेन्द्र जोशी प्रभारी खण्ड पंचायत अधिकारी जनपद पंचायत तराना जिला उज्जैन के द्वारा कार्यालय का पत्र प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध कराने हेतु पेश किया। पत्र में लेख था कि आवेदक अमरसिंह पिता नारायणसिंह ने दिनांक 01.11.2019 को कलेक्टर कार्यालय उज्जैन में शासकीय सर्वे भूमि जो शासकीय गॉवठान मद में दर्ज है कि बिक्री द्वारा अफरा-तफरी के संबंध में लेख किया गया था। पत्र की जांच हेतु अनुविभागीय अधिकारी द्वारा हल्का पटवारी वरूण कुमार को जांच हेतु दिया गया था। जिसमें हल्का पटवारी द्वारा अनुविभागीय अधिकारी को जांच कर जांच प्रतिवेदन मय नक्शा मौका पंचनामा दिया कि गोविंद कुवरबाई देवडा पति अर्जुनसिंह ने ग्राम पंचायत नैनावद के तत्कालीन सरपंच राधेश्याम देवडा व तत्कालीन ग्राम पंचायत सचिव नासिर खां के माध्यम से उक्त शासकीय भूमि की रजिस्ट्री कर कृष्णपाल सिंह पिता अर्जुन सिंह के नाम पर नामांतरण करना बताया। अनुविभागीय अधिकारी द्वारा जांच प्रतिवेदन का अवलोकन कर गोविंद कुवर बाई देवड़ा पति अर्जुनसिंह, तत्कालीन सरपंच राधेश्याम देवड़ा व ग्राम पंचायत सचिव नासिर खां के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध करने हेतू मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत तराना को आदेश दिया गया। पुलिस थाना मक्सी द्वारा अभियुक्तगण के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना मे लिया गया।
अभियुक्ता गोविंद कुंवरबाई द्वारा न्यायालय में जमानत आवेदन प्रस्तुत किया गया था, अभियोजन अधिकारी द्वारा जमानत का विरोध किया कि अभियुक्ता द्वारा गंभीर अपराध कारित किया है। न्यायालय द्वारा अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर अभियुक्तगण का जमानत आवेदन किया गया।
प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी सुश्री पिंकी शेरवाल, सहायक जिला अभियोजन अधिकारी, तराना, जिला उज्जैन द्वारा की गई।
चंदन का पेड़ काटने से मना करने पर प्राणघातक हमला करने वाले अभियुक्त की जमानत निरस्त
उज्जैन।
न्यायालय माननीय श्रीमान एस.सी.पाल अपर सत्र न्यायाधीश महोदय तहसील तराना के न्यायालय द्वारा अभियुक्त सुरेश पिता दयाराम, उम्र 25 वर्ष निवासी ग्राम नांदेड तहसील तराना जिला उज्जैन का अभियुक्त का जमानत आवेदन निरस्त किया गया।
उप-सचांलक (अभियोजन) डॉ0 साकेत व्यास ने बताया कि घटना इस प्रकार है कि दिनंाक 23.07.2020 को फरियादी शिवलाल ने थाना माकडौन पर रिपोर्ट दर्ज कराई कि मैं ग्राम लिम्बारीत में रहता हूॅ व खेती का काम करता हूॅ। दिनांक 20-21.07.20 की रात्रि में रोज की तरह मैं अपने खेत कुए पर बने मकान में सो रहा था। मेरे खेत कुए पर चंदन के पेड़ भी खडे़ है। रात्रि करीब 12ः00 बजे के आसपास मुझे पेड़ काटने की आवाज आई तो मैनें उठकर खिडकी से टॉर्च की लाईट डालकर देखा तो 03-04 अज्ञात व्यक्ति चंदन के पेड़ के पास खडे दिखाई दिये थे। मैं चिल्लाया तो उक्त अज्ञात व्यक्तियों ने आकर मेेरे घर के दरवाजे को लात मारकर खोल दिया व अंदर घुस आये तथा मुझे गाली-गुप्ता देते हुए लकड़ी डण्डोे से मारपीट करने लगे, जिससे मुझे सिर पर चोंट आई। उन लोगों ने मेरे हाथ-पांव बाध दिये थे और बोले चुपचाप पडे़ रहना नहीं तो जान से मार देंगे। सुबह मेरा लड़का करीब 07 बजे आया तो उसे पूरी घटना बताई। थाना माकडौन द्वारा फरियादी के रिपोर्ट पर अज्ञात व्यक्तियों के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध की गई।
अभियुक्त द्वारा माननीय न्यायालय में जमानत आवेदन प्रस्तुत किया गया था, अभियोजन अधिकारी द्वारा जमानत आवेदन का विरोध किया गया। न्यायालय ने अभियोजन के तर्को से सहमत होकर अभियुक्त का जमानत आवेदन निरस्त किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से श्री डी.के. नागर ए.जी.पी. तहसील तराना, जिला उज्जैन द्वारा पैरवी की गई।
फर्जी मुक्तारनामे के आधार पर धोखाधडी कर खरीद फरोख्त करने वाले आरोपी की जमानत निरस्त
आरोपिया जरीना बेगम द्वारा तिलक सहकारी गृह निर्माण संस्था के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व अन्य के साथ मिलकर षडयंत्र पूर्वक क्रय की गई थी भूमि
भोपाल।
भोपाल के जिला एवं सत्र न्यायालय में माननीय न्यायालय श्री राकेश शर्मा, प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश , भोपाल के न्यायालय में तिलक सहकारी गृह निर्माण संस्था के अध्यक्ष कर्नल भूपेन्द्र सिंह , उपाध्यक्ष व अन्य के साथ मिलकर षड्यंत्र पूर्वक कर भूमि का अधिग्रहण करने वाली आरोपिया जरीना बेगम की अग्रिम जमानत आवेदन (धारा 438 सी.आर.पी.सी.) आरोपिया के अधिवक्ता द्वारा प्रस्तुत किया गया कि वह निर्दोष है, उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है, पुलिस द्वारा उसे झूठा फसाया गया है। उपस्थित विशेष लोक अभियोजक श्री अमित राय ने अपराध की गम्भीरता को बताते हुए जमानत का विरोध किया । उन्होने न्यायालय को बताया कि अभी उपपंजीयक कार्यालय के अधिकारी व कर्मचारियों के कथन होना शेष है कोविड के कारण उनके कथन नहीं हो पाये है। माननीय न्यायालय श्री राकेश शर्मा, प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश, द्वारा उक्त अग्रिम जमानत आवेदन निरस्त कर दिया गया।
मीडिया सेल प्रभारी मनोज त्रिपाठी द्वारा बताया गया कि थाना कोहेफिजा, भोपाल में आवेदिका राबिया बी , अनवर पिता मोहम्मद अयूब द्वारा यह रिपोर्ट लेख करायी गई थी कि ग्राम सिंगार चोली भोपाल स्थित कुल रकवा 93.47 एकड कुल 07 खातेदार मो. अयूब, मो. याकुब, हालिफा सुल्तान , आसंमा सुल्तान , सिंकदर खां, कमर खां व अन्वर खां हिस्सेदार बने। भूमि का बंटवारा नही हुआ था। इस भूमि में कुल 54 एकड आवासीय भूमि तथा 39 एकड कृषि भूमि थी। 6 खातेदारों द्वारा दिनांक 17.01.1989 को दिया गया मुख्तारनामा मुख्तार ग्रहिता मोहम्मद शरीफ द्वारा कूटरचित था,उक्त मुख्तारनामे के आधार पर ही अरोपिया अन्य आरोपियों के साथ मिलकर 54 एकड आवासीय भूमि तिलक गृह निर्माण समिति को ही 14 पृथक पृथक रजिस्ट्रेड विक्रय पत्र के माध्यम से वर्ष 1997 में विक्रय कर दिया, जिसे तिलक गृह निर्माण समिति ने इस आवासीय भूमि को 1500 सदस्यो को विक्रय कर दिया जिस उन्होने गृह निर्माण करवा लिया।फरयादिया ने बताया कि दिनांक 17.01.1989 को आरोपी मो. शरीफ द्वारा बताया गया मुक्तारनामा कूटरचित है। जांच उपरांत यह ज्ञात हुआ कि मूल प्रति आरोपीगण से जप्त की गयी और उसे उप पंजीयक कार्यालय से मिलान करने पर पंजीयन क्रमांक 686 को 286 में ओवर राइट किया गया तथा पिता के नाम में भी अन्तर है। मुक्तारनामे को कूटरचित मानते हुए थाना कोहेफिजा द्वारा जांच उपरांत अपराध क्रमांक 95/20 अन्तर्गत धारा 420, 467, 468, 471, 472, 474, 120 बी भादवि कायम की गयी थी जो जरीना बेगम, शरीफ खां , शफीक मोहम्मद , भूपेन्द्र सिंह , मो. सकूर खां, सहित कुल 14 लोगो के विरूद्ध मामला दर्ज किया गया था। तत्पश्चात तिलक सहकारी गृह निर्माण संस्था को 07 फरवरी 2020 को सील किया था तथा म.प्र. शासन के आदेश से उक्त् मामले को आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ को स्थानान्तरित किया गया था। आरोपिया जरीना बेगम तिलक हाउसिंग सोसाइटी की सदस्य है। इनके द्वारा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के साथ मिलकर षडयंत्र कर अनुबंध पत्र में कूटरचना कर छेडछाड की थी।
जिला एवं सत्र न्यायालय भोपाल के पाक्सो न्यायालय में लॉकडाउन के बाद पहली बार हुये साक्षियों के कथन
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद बालिका के सामूहिक बलात्कार के मामले में न्यायालय द्वारा लिये गये दो साक्षियो के कथन
भोपाल।
भोपाल के जिला एवं सत्र न्यायालय में आज दिनांक 24.08.2020 को विशेष न्यायालय (पॉक्सो एक्ट ) श्रीमती कुमुदिनी पटेल के न्यायालय में सत्र प्रकरण क्र. 359/19 अंतर्गत धारा 376(ग) (3), 376(घ) (क), 370(क) भादवि तथा धारा 3/4 , 5/6 एवं 16/17 पाक्सो एक्ट के मामले में लॉकडाउन के बाद प्रथम बार दो साक्षियों के कथन लेख किये गये है। उपस्थित विशेष लोक अभियोजक श्री टी. पी. गौतम तथा अरोपी के अधिवक्ता ने साक्षी प्रदीप गुर्जर , तथा रमेश यादव के कथन कोरोना महामारी से बचाव के सभी सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से न्यायालय में करवाए गए है।
मीडिया सेल प्रभारी मनोज त्रिपाठी द्वारा बताया गया कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय में अंकित माहेश्वरी एलिआस चिन्टू विरूद्ध म.प्र. राज्य के मामले में आरोपी अंकित माहेश्वरी की जमानत निरस्त करते हुए यह निर्देश जारी किये गये थे कि बालिका के साथ सामूहिक बलात्कार जैसे गंभीर प्रकरण का विचारण दिसंबर तक पूर्ण कर परिणाम माननीय सर्वोच्च न्यायालय को प्रस्तुत किेये जाए। उक्त के तारतम्य में ही कोरोना महामारी के बीच लॉकडाउन के पश्चात प्रथम बार उक्त प्रकरण में साक्षियों के कथन न्यायालय द्वारा लिये गए है। विदित है कि दिसंबर 2018 थाना टीलाजमालपुरा के परिक्षेत्र में अभियोक्त्री को आरोपीगण बहला फुसलाकर घर पर ले गए और उसके साथ कई स्थानो पर ले जाकर करीबन 1 महीने तक अलग अलग व्यक्ति द्वारा लैंगिक शोषण किया गया जिसमें लगभग 18 आरोपी सम्मिलित थे। आज दिनांक 12 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
मोबाईल चोरी के आरोपी का जमानत आवेदन निरस्त
शाजापुर।
जिला मीडिया प्रभारी सचिन रायकवार एडीपीओ शाजापुर ने बताया कि, न्यायालय द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश महोदय शुजालपुर श्री अमित रंजन समाधिया द्वारा आरोपी कल्लु उर्फ अण्डा पिता सीताराम यादव निवासी खारी कुण्डी वेयर हाउस रोड शुजालपुर मंडी का जमानत आवेदन पत्र अभियोजन की ओर से विडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से उपस्थित श्री संजय मोरे अति.डीपीओ शुजालपुर के तर्को से सहमत होते हुए निरस्त किया गया।
श्री संजय मोरे अति.डीपीओ शुजालपुर द्वारा प्रदत्त जानकारी अनुसार फरियादी राहुल ने दिनांक 14/07/2019 को थाना शुजालपुर मंडी में एक लेखी आवेदन दिया कि दिनांक 13/07/2019 की शाम 4 बजे वह अपनी टेम्पू चौराहे पर स्थित हर्ष मोबाईल के नाम से दुकान बंद करके भोपाल चला गया था। दिनांक 14/07/2019 को सुबह 07 बजे अपनी दुकान पर आया और दुकान की शटर खोलकर देखा तो उसकी दुकान से करीब 25 मोबाईल कोई अज्ञात चोर चुराकर ले गये। उसने दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज देखी तो उसमे एक बदमाश दिख रहा था जिसको उसने पहचाना तो वह व्यक्ति कल्लु अण्डा था । अनुसंधान के दौरान आरोपी को पुलिस ने 02/12/19 को गिरफतार कर सक्षम न्यायालय में पेश किया था तब से आरोपी उप जेल शुजालपुर में बंद है। आज दिनांक 24/08/2020 को न्यायालय द्वारा आरोपी का जमानत आवेदन पत्र निरस्त किया गया।
चार आरोपीगण का जमानत आवेदन पत्र निरस्त
शाजापुर।
जिला मीडिया प्रभारी सचिन रायकवार एडीपीओ शाजापुर ने बताया कि, न्यायालय प्रथम अपर सत्र न्यायधीश महोदय शुजालपुर द्वारा आरोपीगण 1.जाफर पिता नुरूददीन उम्र 33 वर्ष
2.नौशाद खॉ पिता नसरूददीन खॉ उम्र 33 वर्ष
3. इस्लाम पिता बदरूददीन खॉ उम्र 39 वर्ष
4. नसरूददीन खॉ पिता उम्मैद खॉ उम्र 61 वर्ष निवासीगण नरोला का जमानत आवेदन पत्र अभियोजन की ओर से विडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से उपस्थित श्री संजय मोरे अति.डीपीओ शुजालपुर के तर्को से सहमत होते हुए निरस्त किया गया।
श्री संजय मोरे अति.डीपीओ शुजालपुर द्वारा प्रदत्त जानकारी अनुसार दिनांक 24/07/2020 को करीब सुबह 10 बजे फरियादी अजय अपने घर के अंदर था। उसके घर के सामने शीतला माता का ओटला है। वहां पर रास्ते व मंदिर निर्माण का कार्य चल रहा था । तभी आरोपीगण फखरूद्दीन, पप्पू और कल्लू हाथ में फर्सी व तलवार लेकर आये और फरियादी को घर के अंदर से बाहर निकाला और बोले कि रास्ते में पत्थर क्यों डाल रखे है। इस बात को लेकर अश्लील गालीयां दी। फरियादी ने गाली देने से मना किया तो आरोपीगण ने उसके साथ मारपीट की। फरियादी चिल्लाया तो विजय, धन्नजय, संजय बचाने आये तो आरोपीगण और उनके अन्य साथियों ने उनके साथ भी मारपीट की। सभी आरोपीगण ने एकमत होकर हमला किया तथा जान से खत्म करने की धमकी दी। घटना की रिपोर्ट फरियादी ने थाना शुजालपुर सिटी पर की। आज दिनांक 24/08/2020 को न्यायालय द्वारा उक्त चार आरोपीगण का भी जमानत आवेदन पत्र निरस्त किया गया।
म.प्र.