लोक अभियोजन अधिकारियों को दिया गया सोशल मीडिया पर प्रचार-प्रसारका प्रशिक्षण
ट्विटर, फेसबुक के उपयोग का दिया गया प्रशिक्षण
भोपाल।
जनसंपर्क अधिकारी भोपाल संभाग श्री मनोज त्रिपाठी ने बताया कि आज दिनांक 23/09/2020 को मध्य प्रदेश लोक अभिजोजन विभाग के मीडिया सेल हेतु प्रशिक्षणऑनलाइन वेबीनार के माध्यम से आयोजित किया गया जिसमेंम.प्र. अभियोजन के सभी संभागीय जनसंपर्क अधिकारी, मीडिया सेल प्रभारी एवं सहायक मीडिया सेल प्रभारीगण,कुल 150अधिकारी सम्मिलित हुए।श्री पुरुषोत्तम शर्मा, महानिदेशक/संचालक लोक अभियोजन, मध्य प्रदेश द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम का उदघाटन किया गया। प्रशिक्षण शिक्षण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि महोदय का स्वागत एवं परिचय मो. अकरम शेख म.प्र. राज्य समन्वयक NDPS एक्ट/डीपीओ इंदौर द्वारा किया गया।श्रीमती मोसमी तिवारी, प्रमुख जनसंपर्क अधिकारी, लोक अभियोजन मध्य प्रदेश ने मुख्य वक्ता एवं विषय विशेषज्ञ के रूप में प्रशिक्षण में व्याख्यान दिया।
श्री त्रिपाठी ने बताया कि श्री पुरूषोत्तम शर्मा महानिदेशक/संचालक लोक अभियोजन म.प्र. पीड़ित व्यक्ति के प्रति अति संवेदनशील हैं तथा उन्हें सरल, सुलभ एवं त्वरित न्याय दिलाने हेतु कटिबद्ध हैं। इसी तारतम्य में आज म.प्र. लोक अभियोजन के सभी संभागीय जनसंपर्क अधिकारी, मीडिया सेल प्रभारी एवं सहायक मीडिया सेल प्रभारीगण को प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से यह प्रशिक्षण आयोजित किया गया है।
श्री पुरूषोत्तम शर्मा, महानिदेशक/संचालक लोक अभियोजन म.प्र ने अपने उद्बोधन में सोशल मीडिया की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज के इस आधुनिक युग में किसी व्यक्ति के विचारों, कार्यों, समाचार इत्यादि का प्रचार-प्रसार करने का सोशल मीडिया एक बहुत ही सशक्त माध्यम है तथा इसका प्रभाव प्रत्येक व्यक्ति पर पड़ता है। सोशल मीडिया की इसी उपयोगिता को समझते हुए हमें अभियोजन विभाग के द्वारा किए गए कार्यों का उचित प्रचार-प्रसार सोशल मीडिया के माध्यम से करना है। उन्होंने यह भी कहा कि आज लगभग हर व्यक्ति सोशल मीडिया पर सक्रिय है इसलिए हमें हमारे कार्यों को सभी तक पहुंचाना है और जागरूक करना है जिससे कि हर वह व्यक्ति जिसके साथ अन्याय हुआ है उसको सुलभ, सरल एवं समय पर न्याय मिल सके। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए इस प्रशिक्षण का आयोजन किया गया है।
श्रीमती मोसमी तिवारी, प्रमुख जनसंपर्क अधिकारी, लोक अभियोजन म. प्र केद्वारा अपने व्याख्यान में सोशल मीडिया के महत्व को समझाया गया। उन्होंने सभी प्रतिभागी अधिकारियों को विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे ट्वीटर, फेसबुक, व्हाट्सअप आदि पर विभाग के कार्यों संबंधी जानकारी एवं समाचारों को प्रचारित एवं प्रसारित किए जाने के संबंध में प्रशिक्षित किया। उन्होंने मुख्य रूप से ट्विटर और फेसबुक का उपयोग करने के संबंध में विस्तार से बताया, कि ट्विटर पर ट्वीट कैसे किया जाता है, लाइक कैसे किया जाता है, रिट्वीट कैसे किया जाता है, किसी व्यक्ति को ट्विटर पर फॉलो कैसे करते हैं आदि। इसी तरह फेसबुक पर कुछ पोस्ट कैसे करते है, लाइक कैसे किया जाता है, कमेंट कैसे किया जाता है, शेयर कैसे करते हैं आदि उपयोग के सम्बन्ध में विस्तार से बताया। प्रशिक्षण उपरांत श्रीमती तिवारी द्वारा सभी प्रतिभागियों के प्रश्नों के उत्तर देकर समाधान किया गया।
उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम में भोपाल संभाग के जनसंपर्क अधिकारी श्री मनोज त्रिपाठी मीडिया सेल प्रभारी, साकेत गोयल (विदिशा), केदार कौरव (सीहोर), ओमप्रकाश (रायसेन), आशीष दुबे (राजगढ) तथा सहायक मीडिया प्रभारी, योगेश गर्ग, अमित मारण, दीपक बन्सोड, ज्योति कुजूर , गार्गी, नेहा दुबे, स्वर्णलता आौर रामवीर सिंह उपस्थित रहे।
सरकारी धन का न्यास भंग कर दुरूपयोग करने वाले तीन और आरोपी पहुँचे जेल
मामला कार्यालय आयुक्त अनु. जाति विकास विभाग में सरकारी धन के दुरूपयोग का है
भोपाल।
भोपाल जिले के माननीय न्यायालय प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश श्री राकेश शर्मा के न्यायालय में आरोपी भवानी भीख, भाउराव भलावी एवं अनिल पोलघंटवार द्वारा अग्रिम जमानत आवेदन प्रस्तुत किया और कहा कि उसे झूठा फंसाया गया है। शासन की ओर से पैरवी करते हुए विशेष लोक अभियोजक श्री अमित राय ने बताया कि आरोपियों द्वारा गोविंद जैठानी, अनिता रायकवार, एस.के. वामनकर एवं एस. के. थापक के साथ आपराधिक षडयंत्र में शामिल होकर शासकीय धन राशि का आपराधिक न्यास भंग करके स्वयं के खाते में जमा कराई गई है। इस प्रकार आरोपियों द्वारा उक्त अवधि में राशि रूपये क्रमश: 2,85,802, 18,27,224 एवं 50,64,762 की अवैध संपत्ति अर्जित करना विवेचना में स्पष्ट हुआ है, जो कि उनकी वैध आय से 78.60, 641.17 एवं 943.80 प्रतिशत अधिक है, जो विवेचना में स्पष्ट हुआ है। प्रकरण अत्यंत गंभीर प्रकृति का है, यदि आरोपियों को अग्रिम जमानत का लाभ दिया जाता है तो वह साक्ष्य एवं साक्षियों को प्रभावित कर सकती है। प्रकरण विवेचनाधीन है। केस डायरी का अवलोकन एवं अभियोजन के तर्कों से सहमत होते हुए माननीय न्यायालय द्वारा आरोपियों की जमानत निरस्त कर उन्हें जेल भेज दिया गया।
एडीपीओ. श्री अमित राय ने बताया कि आरोपी भवानी भीख कार्यालय आयुक्त अनुसूचित जाति विकास विभाग भोपाल/नागरकि अधिकार संरक्षण प्रकोष्ठ, भोपाल में वर्ष 1986 से 1991 तक कलेक्टर रेट पर कार्य करता था। वर्ष 1991 में रेग्युलर भृत्य के पद पर नियुक्त हो गया था। वर्ष 1993 से जिला कोषालय भोपाल में बिल लगाना, जिला कोषालय से चेक प्राप्त कर कैशयरों को देने का काम करता था, इसके अतिरिक्त कार्यालयों में डाक लगाता था। विवेचना में आरोपी के वेतन खाते के संबंध में जानकारी प्राप्त हुई, आरोपी भउराव भलावी कार्यालय आयुक्त अनुसूचित जाति विकास विभाग भोपाल में वर्ष 1987 से भृत्य के पद पर कार्यरत है एवं आरोपी अनिल पोलघंटरवार कार्यालय आयुक्त अनुसूचित जाति विकास विभाग भोपाल में वर्ष 1987 से सहायक ग्रेड-03 पद पर कार्यरत है। वर्ष 2006 में सहायक ग्रेड-02 पद पर पदोन्नत हुआ। भारतीय स्टेट बैंक शाखा फतेहगढ, भोपाल में आरोपियों का बैंक खाता क्रमश: 10200043714 , 10200043741 , 10200044741 (वेतन खाता) है। भारत सरकार विशेष केन्द्रीय सहायता योजना अंतर्गत अनुसूचित जाति के आर्थिक रूप से कमजोर, बेरोजगार युवक/युवतियों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिये रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं अन्त्योदय स्वरोजगार योजना अंतर्गत अनुदान उपलब्ध कराने के लिये प्रतिवर्ष राशि प्राप्त होती है, जिसका आहरण कर अन्त्योदय स्वरोजगार योजना राशि म.प्र. अनु. जाति वित एवं विकास निगम को उपलब्ध कराई जाती है। अनु. जाति विकास म.प्र. तथा कोषालय वल्लभ भवन के कर्मचारी तथा अधिकारीगणों ने धोखाधडी एवं षड्यंऋ पूर्वक दस्तावेजों की कूटरचना करते हुए, 7 करोड रूपये की वित्तीय आहरण किया।
पुलिस द्वारा उक्त अपराध अपराध क्रमांक 61/2012 धारा 420, 467, 471, 120 बी भादवि एवं 13(1) सहपठित 13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत पंजीबद्ध कर 173(8) दण्ड प्रकिया संहिता के अंतर्गत विवेचना में लिया ।
मादक पदार्थों की तस्करी के मामले राजधानी में रोज बढ रहे
एक और गांजा तस्कर पहुँचा जेल जमानत निरस्त
आज दिनांक को विशेष न्यायालय एन.डी.पी.एस. श्री मुकेश कुमार के न्यायालय में आरोपी सुमित अहिरवार भोपाल के द्वारा जमानत आवेदन प्रस्तुत किया गया कि आरोपी के विरूद्ध झूठा मामला पंजीबद्ध किया गया है, उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है। शासन की ओर से पैरवी करते हुए उपसंचालक श्री के.के. सक्सेना, सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्री विक्रम सिंह एवं श्री नीरेन्द्र शर्मा ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि वर्तमान में ऐसे प्रकरणों की संख्या में अत्यधिक वृद्धि हो रही है तथा आरोपी से जप्त गांजा अल्प मात्रा से अधिक है, ऐसी स्थिति में जमानत का लाभ दिये जाने पर उक्त घटना पुन: घटित होने की संभावना है। केस डायरी का अवलोकन एवं अभियोजन के तर्कों से सहमत होते हुए माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी शरीफ उर्फ बच्चा की जमानत निरस्त की गई, आरोपी पूर्व से ही जेल में है।
एडीपीओ. श्री विक्रम सिंह ने बताया कि दिनांक 16.09.2020 को थाना पिपलानी भोपाल को मुखबिर से सूचना प्राप्त हुई थी कि एक व्यक्ति गांजा बेचने की फिराक में है। पुलिस अधिकारी सूचना की तस्दीक के लिए पहुँचे, जहॉं पर सुमित अहिरवार मोटरसाईकिल के साथ मिला। उसके पास ग्रे कलर का बैग था जिसके अंदर नीली पॉलिथिन में एक पैकेट रखा था जिसे खोला तो उसमें गांजा था। जिसे वहीं पर तौला तो वह 2 किग्रा. था। पुलिस ने गांजे से सैंपल निकाले जिसमें जांच् हेतु भेजने के लिए रखा गया ।पुलिस ने सुमित को गिरफ्तार किया और गांजे को जप्त किया और उसे थाने में लाकर बंद किया। थाना पिपलानी में उसके विरूद्ध अपराध क्र. 872/2020 धारा 8/20 के तहत अवैध रूप से गांजा बेचने का अपराध पंजीबद्ध किया गया। आरोपी को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया, जहां पर आरोपी ने जमानत हेतु आवेदन प्रस्तुत किया, जिस पर न्यायालय ने अभियोजन के तर्कों से सहमत होते हुए उक्त जमानत को निरस्त कर दिया गया।
मारपीट कर गंभीर चोंट पहुँचाने वाले आरोपी का जमानत आवेदन निरस्त
मेहगांव भिंड।
अपर सत्र न्यायाधीश मेहगाँव जिला भिण्ड के न्यायालय में मारपीट कर गंभीर चोट पहुचाने वाले अभियुक्त सतीश की ओर से अग्रिम जमानत आवेदन अंतर्गत धारा 438 द0प्र0सं0 प्रस्तुत किया गया जिस पर अभियोजन द्वारा मामले की गंभीरता के आधार पर घोर आपत्ति की गई। जिससे सहमत होकर माननीय न्यायालय ने आरोपी सतीष की अग्रिम जमानत आवेदन(अंतर्गत धारा 438 दं0प्र0सं0) निरस्त कर दिया।
सहायक मीडिया सेल प्रभारी/ सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी आकिल अहमद खाँन द्वारा बताया कि घटना दिनांक 04.09.2020 फरियादी चंन्द्रशेखर पंखा-कूलर की दुकान मेहगांव में है। आरोपी सतीष वहां पंखा बनवाने डाल गया था करीब शाम 4ः00 बजे सतीष अपना पंखा उठाकर दुकान से चल दिया फरियादी ने पंखा ठीक करने के पैसे मांगे तो आरोपी ने पैसा देने से इंकार कर दिया एवं बुरी-बुरी गांलिया दी गांली देने से मना करने पर लोहे का सरिया उठाकर फरियादी के सिर के बांयी तरफ मारा जिससे फरियादी चोट होकर खून निकल आया तथा आरोपी के साथ आयें गिर्राज ने फरियादी की लात घूसों से मारपीट की जिससे फरियादी के सीने तथा दाहिने बांयी कोहिनी के पास मूँदी चोटे आई उक्त घटना पर थाना मेहगांव में अप0 क्रं0 328/2020 धारा 452,323,506,34 भादवि0 इजाफा धारा 324 भादवि0 के तहत पंजीबद्ध किया गया।
दहेज़ के लिये प्रताड़ित कर आत्महत्या के लिए प्रेरित करने वाले पति की जमानत खारिज//
गोहद (भिंड)।
प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश, तहसील गोहद जिला भिण्ड म0प्र0 के न्यायालय में आरोपी दिनेश द्वारा मान0 न्यायालय के समक्ष जमानत के लिये आवेदन प्रस्तुत किया था। अभियोजन द्वारा इस जमानत आवेदन का मान0 न्यायालय के समक्ष घोर विरोध किया और अपराध की गम्भीरता को देखते हुये मान0 न्यायालय से जमानत आवेदन निरस्त करने का निवेदन किया।
मान0 न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के पश्चात् अभियोजन के तर्क से सहमत होते हुये अभियुक्त का जमानती आवेदन खारिज कर दिया।
सहायक जिला अभियोजन अधिकारी/ सहायक मीडिया सेल प्रभारी प्रवीण सिंह सिकरवार द्वारा बताया गया कि अभियोजन के अनुसार दिनांक 25.12.2019 को सूचनाकर्ता दिनेश पुत्र स्वर्गीय राम कृष्ण कुमार उम्र 22 साल निवासी जलालपुर के द्वारा बताया गया कि भारती पत्नी दिनेश गौड़ उम्र 21 साल द्वारा फांसी लगाकर लगा ली थी मृतिका भारती की शादी अभियुक्त दिनेश से 1 वर्ष 8 माह पूर्व हुई थी जो नवविवाहिता की परिधि में है मृतका भारती को पति दिनेश उर्फ देव सिंह, सास मीरा, जेठ गणेश जेठानी ज्योति जाति गोड निवासी ग्राम जलालपुर द्वारा दहेज में ₹100000 व एक सोने की जंजीर की मांग को लेकर प्रताड़ित कर मारपीट करते थे ।उसी प्रताड़ना के कारण मृतिका भारती गोड की मृत्यु स्वयं के द्वारा फांसी लगाने से मृत्यु हुई है ।मृतिका भारती गौड़ कि सामान्य अवस्था से भिन्न अस्वाभाविक मृत्यु होना पाई गई। अनावेदक पति दिनेश उर्फ देव सिंह, सास मीरा, जेठ गणेश, जिठानी ज्योति जाति गौंड निवासी ग्राम जलालपुर के विरुद्ध थाना मो द्वारा धारा 304 बी 498 ए 34 भादवि 3/ 4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।