उज्जैन जिले में आज तक 1862 कोरोना पॉजिटिव मामले में 1489 मरीज पूर्णतः स्वस्थ हुए

3 सितम्बर तक 1489 कोरोना पॉजीटिव मरीज ठीक होकर घर गये


 उज्जैन 03 सितम्बर।


उज्जैन जिले में कोरोना वायरस का संक्रमण मार्च माह से अब तक बना हुआ है। जिले में प्रतिदिन कोरोना पॉजीटिव मरीज निकल रहे हैं, किन्तु बड़ी संख्या में मरीज स्वस्थ होकर घर जा भी रहे हैं। जिले में अब तक कुल 1862 कोरोना पॉजीटिव केसेस आये हैं। इनमें से 1489 मरीज पूर्णत: स्वस्थ होकर अपने घर चले गये हैं। उज्जैन जिले में माधव नगर हॉस्पिटल, पीटीएस, आरडी गार्डी, अमलतास, राजेन्द्र सूरि एवं जेल के कैदियों के लिये की गई आइसोलेशन की व्यवस्था में मरीजों को रखकर उनका उपचार किया जा रहा है। गंभीर लक्षण वाले मरीजों को माधव नगर हॉस्पिटल, आरडी गार्डी अस्पताल, अमलतास अस्पताल देवास एवं इन्दौर के हॉस्पिटल में उपचार के लिये रखा जा रहा है। सभी केन्द्रों पर उत्कृष्ट सुविधा एवं उपचार उपलब्ध करवाया जा रहा है।


कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने कहा है कि कोरोना वायरस के संक्रमण के लक्षण आने पर किसी को डरने की आवश्यकता नहीं है। आगे होकर फीवर क्लिनिक पर जाकर जांच करवायें एवं आवश्यक होने पर उपचार प्राप्त करें। उल्लेखनीय है कि विगत मई माह में माधव नगर अस्पताल में 100 बेडेड कोविड हॉस्पिटल का निर्माण किया गया एवं यहां पर बड़ी संख्या में मरीजों को रखकर उनका श्रेष्ठ उपचार किया जा रहा है। इस अस्पताल में वेंटिलेटर एवं ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। स्वस्थ होकर घर गये 1489 मरीजों में इन्दौर से 119, माधव नगर अस्पताल में 286, पीटीएस से 413, आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज से 391, अमलतास से 73, होम आइसोलेशन से 186, राजेन्द्र सूरि संस्थान से 4, डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल धार से एक, जेल आइसोलेशन से 16 कोरोना पॉजीटिव मरीज स्वस्थ होकर घर गये हैं।


श्रम विभाग के दल द्वारा बाल श्रम संवेदनशील क्षेत्रों का निरीक्षण


उज्जैन 03 सितम्बर।



गुरूवार को उज्जैन शहर के चामुंडा चौराहा, दौलतगंज, आगर रोड आदि बाल श्रम संवेदनशील क्षेत्रों में श्रम विभाग के दल द्वारा कार्यवाही की गई। दल द्वारा बाल भिक्षावृत्ति उन्मूलन की कार्यवाही भी की गई। दल द्वारा पेट्रोल पंप, दुकानें, बेकरी शॉप, बेकर्स लॉन्‍ज, लक्ष्मी बेकरी आदि 100 से अधिक संस्थानों का बाल श्रम अधिनियम-2016 (संशोधित) के अंतर्गत निरीक्षण किया गया। साथ ही कोरोना गाईड लाइन के पालन हेतु निर्देशित किया गया। कार्यवाही में श्रम विभाग से श्रम निरीक्षक श्री महेद्रसिंह ठाकुर, श्री आदित्य प्रताप सिंह, श्री प्रेमचंद्र अहिरवार शामिल थे।


बाल श्रम अधिनियम में प्रावधान है कि कोई भी व्यक्ति जो 14 वर्ष से कम उम्र के बालक-बालिका को काम पर नियोजित रखता है, उसे कम से कम छह माह एवं अधिकतम दो साल की जेल की सजा हो सकती है। साथ ही 20 हजार से 50 हजार रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।


 


क्रमांक 2515 अनिकेत/