आवारा पशुओं को पकड़ने एवं बाड़ो को तोड़ने की मुहिम प्रारंभ
6 पशु बाड़े तोड़े, 40 पशु पकड़े
उज्जैन: आवारा मवेशियों के शहर में विचरण करने से बढ़ती दुर्घटनाओं एवं यातायात में आ रही समस्याओं को गंभीरता से लेेते हुए निगम द्वारा जिला प्रशासन के सहयोग से आवारा मवेशियों की समस्या के निदान हेतु पशु पालकों पर कार्यवाही आरंभ कर दी गई है।
उल्लेखनिय है कि पूर्व में पुलिस कंट्रोल रूम पर कलेक्टर श्री आशीष सिंह, पुलिस अधीक्षक श्री सत्येंद्र शुक्ला एवं निगमायुक्त श्री क्षितिज सिंघल द्वारा शहर मे विचरण करने वाले आवारा पशुओं को हटाने एवं अवैध रूप से बने पशु बाड़ो को तोड़ने हेतु पशुपालकों के साथ संयुक्त बैठक आयोजित की जाकर 31 अक्टूबर तक स्वयं अवैध पशु बाड़ों को हटाये जाने हेतु सख्त हिदायत दी गई थी। साथ ही पशुओं की सुरक्षा तथा यातायात व्यवस्था सुचारू रखने हेतु सम्पूर्ण शहर में धारा 144 लागु की जाकर निजी एवं पालतु पशुओं को खुले में अथवा सड़क पर छोडने तथा विचरण कराने पर प्रतिबंध लगाया गया है।
रविवार को की गई कार्यवाही से पूर्व आयुक्त श्री क्षितिज सिंघल द्वारा पशु मालिकों के अवैध बाड़ो को चिन्हित करते हुए 65 पशुपालकों को सूचीबद्ध कर नोटिस जारी किए जाकर आदेशित किया गया था कि जिन पशुपलाकांे को पशुओं का पालन करना है वह शहर से बाहर जाकर पशुओं को पाले, शहर में अब आवारा पशुओं को विचरण नहीं करने दिया जाएगा। जिन पशुपालकों द्वारा 31 अक्टूबर तक अपने बाड़े नहीं हटाये जाते है उन पर 01 नवंबर से सख्ती के साथ पशु बाड़ो को हटाने की कार्यवाही नगर निगम अमले एवं पुलिस प्रशासन के समन्वय के साथ प्रारंभ की जावेगी।
उक्त क्रम में निगम द्वारा रविवार को जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन के सहयोग से न्यु अशोक नगर स्थित बाबू यादव एवं पप्पु यादव का बाड़ा, लवकुश नगर स्थित आशु डागर का बाड़ा, सुभाष नगर स्थित सुमित पाल का बाड़ा, राजेन्द्र नगर कवेलू कारखाना स्थित मनीष यादव का बाड़ा, बालाजी परिसर स्थित राजेश बैरवा का बाड़ा, साकेत नगर स्थित संजय गोविंद बैरवा के बाडे़ को तोड़े जाने की कार्यवाही करते हुए सामान जब्त किया गया। इसी के साथ ही सम्पूर्ण शहर में अभियान चलाया कर लगभग 40 पशुओं को पकड़ा जाकर कपिला गौशाला पहुंचाने की कार्यवाही की गई। कार्यवाही निरंतर जारी रहेगी।
आयुक्त द्वारा जार नोटिस का पालन करते हुए वार्ड क्र. 25 बहादुरगंज स्थित पशु पालक श्री मनोज परमार द्वारा स्वयं ही अपने बाड़े का हटाया गया।
कार्यवाही उपायुक्त श्री सुनिल शाह, कार्यपालन यंत्री श्री अरूण जैन, स्वास्थ्य अधिकारी श्री संजय कुलश्रेष्ठ, श्री धीरज मैना, भवन निरीक्षक श्री राजकुमार राठौर की उपस्थिति में की गई।
कलेक्टर का ऐतिहासिक आदेश आपराधिक पृष्ठभूमि के व्यक्तियों के मताधिकार को संरक्षित करते हुए उन पर लगाया अंकुश
आगर मालवा - कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी जिला आगर मालवा ने आपराधिक पृष्ठभूमि के गोपाल गिर पिता लाल गिर उम्र 28 वर्ष निवासी ग्राम आंकडी बड़ोद, गुमान सिंह पिता गंगाराम, मदन सिंह पिता गंगाराम तथा गुमान सिंह पिता नाथू सिंह तीनों निवासीगण ग्राम गंगापुर नीचे का खेड़ा आगर को 3 माह तक प्रत्येक रविवार को थाने पर उपस्थित होने के आदेश जारी किए ।
सहायक जिला मीडिया प्रभारी ने प्रकरणवार जानकारी देते हुए बताया कि केस-1 गोपाल गिर पिता लाल गिर जाति गोस्वामी आयु 28 वर्ष निवासी ग्राम आंकडी बड़ोद जो कि वर्ष 2013 से आपराधिक गतिविधियों में लिप्त है इसके विरुद्ध मारपीट गाली-गलौज जान से मारने की धमकी आदि के कुल 7 प्रकरण दर्ज हुए।
केस 2 गुमान सिंह पिता गंगाराम सोंधिया आयु 40 वर्ष निवासी ग्राम गंगापुर नीचे का खेड़ा जो कि वर्ष 2011 से आपराधिक गतिविधियों में लिप्त है इसके विरुद्ध मारपीट गाली-गलौज जान से मारने की धमकी रास्ता रोकने आदि के कुल 2 प्रकरण दर्ज हुए।
केस 3 मदन सिंह पिता गंगाराम सोंधिया उम्र 47 वर्ष निवासी ग्राम गंगापुर नीचे का खेड़ा जो कि वर्ष 2010 से आपराधिक गतिविधियों में लिप्त है इसके विरुद्ध घर में घुसकर मारपीट करने, रास्ता रोकने, गाली गलौज करने, जान से मारने की धमकी देने आदि के कुल 4 प्रकरण दर्ज हुए ।
केस 4 गुमान सिंह पिता नाथू सिंह उम्र 50 वर्ष निवासी ग्राम गंगापुर नीचे का खेड़ा जो कि वर्ष 2000 से आपराधिक गतिविधियों में लिप्त है इसके विरुद्ध घर में घुसकर मारपीट करने, गाली गलौज करने, जान से मारने की धमकी देने आदि के कुल 7 प्रकरण दर्ज हुए।
चारों व्यक्तियों के विरुद्ध जिला बदर की कार्रवाई हेतु पुलिस अधीक्षक द्वारा प्रतिवेदन डीएम के समक्ष प्रस्तुत किये गए सभी प्रतिवेदनों पर *एडीपीओ आगर श्री अनूप कुमार गुप्ता* द्वारा राज्य की ओर से पक्ष रखा गया *कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री अवधेश शर्मा* ने विगत वर्षों में संपन्न चुनावों के समय चुनाव प्रभावित करने संबंधी कोई साक्ष्य अनावेदकों के विरुद्ध ना होने तथा आवेदकों के मताधिकार को दृष्टिगत रखते हुए उनकी आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाते हुए 3 माह तक प्रत्येक रविवार को थाने पर उपस्थित होने के आदेश जारी किए गए।